टेस्ट क्रिकेट ऐसा फॉर्मेट है जिसमें बल्लेबाज़ बड़े ही ध्यान से खेलते है। टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज ज्यादातर तकनीक पर ही काम करते हुए नजर आते हैं। बल्लेबाज़ हवा में शॉट कम खेलते है।
पहले के बल्लेबाज़ हवा में शॉट खेलने से बचा करते थे लेकिन समय के साथ-साथ ये बदल रहा है।रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में 13 छक्के लगाकर रिकॉर्ड बना दिया।
फिर भी क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में टेस्ट क्रिकेट में कई ऐसे बल्लेबाज़ हुए है जो टेस्ट क्रिकेट में छक्का लगाने में नाकाम रहे है।
तो आज हम आपको ऐसे ही तीन खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जो टेस्ट क्रिकेट में छक्का मारने में नाकाम रहे पर बिना छक्के जड़े उनके नाम काफी रन दर्ज है।
जोनाथन ट्रॉट
इंग्लैंड का यह खिलाड़ी तकनीकी रूप से काफी शानदार था। उन्होंने अपना टेस्ट मैच 2015 में खेला था।
52 टेस्ट में ट्रॉट ने 3835 रन बनाए और इस दौरान उन्होंने 9 शतक और 19 अर्धशतक भी लगाए। हालांकि वह कम उम्र में ही क्रिकेट को छोड़ कर चले गए।
जहां उनका हाईएस्ट स्कोर 226 रन का रहा। टेस्ट मैचों में बिना छक्के के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में उनका उनका नाम सबसे ऊपर आता है।
विजय मांजरेकर
भारत के लिए 1952 में टेस्ट डेब्यू करने वाले विजय मांजरेकर भी टेस्ट क्रिकेट में छक्का लगाने में सफल नहीं हुए लेकिन बिना छक्के के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में वो दूसरे नंबर पर आते है।
विजय मांजरेकर ने अपने टेस्ट करियर में 55 मैचों में 3208 रन बनाए और इस दौरान उन्होंने 7 शतक और 15 अर्धशतक जड़े। उनका हाईएस्ट स्कोर 189 रन का रहा।
ग्लेन टर्नर
न्यूजीलैंड के सबसे शानदार खिलाड़ियों में टर्नर की गिनती की जाती है। 1983 में टर्नर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था।
अपने पूरे करियर में उन्होंने 41 टेस्ट मैच खेले और 2991 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 14 अर्धशतक और 7 शतक भी ठोंके।
टेस्ट क्रिकेट में उनका हाईएस्ट स्कोर 259 रन था लेकिन छक्का लगाने में ग्लेन टर्नर नाकाम रहे। उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए 41 वनडे मैच भी खेले है और जहां उन्होंने तीन शतक लगाए थे।