बीसीसीआई ने सूर्यकुमार यादव और पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट टीम में शामिल करने का निर्णय लिया था।
दोनों ही खिलाड़ी बहुत ज़्यादा अनुभवी नहीं हैं। शॉ ने अबतक 5 टेस्ट मैच खेले हैं जबकि सूर्य कुमार यादव ने अभी तक अंतरराष्ट्रीय टेस्ट पदर्पण नहीं किया है।
पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय चयनकर्ता टी20 और एकदिवसीय मैचों के प्रदर्शन के आधार पर युवाओं को टेस्ट क्रिकेट में भी बढ़ावा दे रहें हैं।
इसी आधार पर रोहित शर्मा, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह का भी टेस्ट टीम में चुनाव हुआ था और आज वे टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
तो आइये नज़र डालते हैं 3 ऐसे सीमित ओवरों के खिलाड़ियों पर जो भविष्य में टेस्ट क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
1. ईशान किशन
यदि ऋषभ पंत के रूप में एक आक्रामक बाएं हाथ का विकेटकीपर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ भारत को लगातार टेस्ट सीरीज जीता सकता है, तो कल्पना करें कि दोनों एक साथ क्या कर सकते हैं।
ईशान किशन उसी अंडर-19 विश्व कप टीम के कप्तान रहे हैं जिसमें ऋषभ पंत थे। अंडर-19 विश्वकप के बाद से ईशान किशन हर साल आईपीएल में अपने प्रदर्शन को और अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं।
किशन ने हाल ही में टी20 अंतरराष्ट्रीय और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में पदर्पण किया। ईशान किशन वनडे और टी20 दोनों ही डेब्यू पर अर्धशतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने।
उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 2600 से अधिक रन बनाए हैं। इसमें 5 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। उनके पास ऋषभ पंत से बेहतर तकनीक और संयम है।
साथ ही किशन के नाम रणजी ट्रॉफी में दोहरा शतक भी दर्ज है जो उन्होंने दिल्ली के विरुद्ध लगाया था। इस पारी में उन्होंने कुल 273 रन बनाए थे।
2. रुतुराज गायकवाड़
विराट कोहली 33 वर्ष के हैं, रोहित शर्मा 35 के, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा भी 33 वर्ष के हैं और अब टीम से बाहर भी हो गए।
जल्द ही, भारत को शीर्ष क्रम के नए बल्लेबाजों की आवश्यकता होगी और ये आवश्यकता केवल शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ से पूरी नहीं होगी।
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपने पदार्पण आईपीएल सत्र में लगातार 3 अर्धशतक लगाने वाले रुतुराज गायकवाड़ इन खिलाड़ियों की जगह भरने के लिए एक प्रमुख विकल्प हैं। उन्होंने आईपीएल में ऑरेंज कैप जीती भी थी।
24 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज ने महाराष्ट्र के लिए 21 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इन मैचों में उन्होंने 38.54 के औसत से चार शतक और छह अर्द्धशतक बनाए हैं।
गायकवाड़ एक शांत स्वभाव के बल्लेबाज़ हैं जो मध्य क्रम में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में उपयोगी साबित हो सकते हैं।
3. रवि बिशनोई
भारत ने अमित मिश्रा के बाद टेस्ट मैचों में एक भी लेग स्पिनर की आवश्यकता महसूस नही की। जडेजा और अश्विन ने हर समय अपने प्रदर्शन में सुधार किया और अपनी जगह टेस्ट टीम में बनाए रखी।
भारत को जल्द ही विकेट लेने के लिए एक और आक्रमक स्पिनर की आवश्यकता हो सकती है। कुलदीप यादव अपनी शुरुआती सफलता के बाद से चयनकर्ताओं का विश्वास हासिल नहीं कर पाए हैं।
शायद अक्षर पटेल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की पिचों पर उतने असरदार नहीं साबित होंगे। रवि बिश्नोई ने आईपीएल में और श्रीलंका और वेस्टइंडीज जैसी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था।
वह कभी दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते और उनकी उम्र भी काफी कम है। हम उनको कुछ समय बाद भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा बनते देख सकते हैं।
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