टेस्ट मैचों में भारत के लिए 35 खिलाड़ी टीम की कप्तानी कर चुके हैं। वहीं वनडे में 26 और टी20 इंटरनेशनल में आठ खिलाड़ी कप्तानी का जिम्मा संभाल चुके हैं।
हालांकि इनमें से 7 ही बाएं हाथ के खिलाड़ियों ने टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली है। तो आज हम आपको उन्हीं खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है।
1) नारी कांट्रेक्टर (1960- 1962)
26 साल की उम्र में नारी कॉन्ट्रैक्टर 1960 में टीम इंडिया के सबसे कम उम्र के कप्तान बने। बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज ने भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपनी छाप छोड़ी है।
उनकी प्रसिद्ध पारियों में से एक 1959 में देखने को मिली थी जब उन्होंने एक टूटी हुई पसली के बावजूद लॉर्ड्स में 81 रन बनाए। उन्होंने 12 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी कि जिसमें से टीम को 2 में जीत और 2 में हार का सामना करना। वहीं 8 मैच ड्रा हो गए।
नारी कांट्रेक्टर ने भारत के लिए 31 मैच खेले है और 31.58 की औसत की मदद से 1611 रन बनाये है। इस दौरान उनके बल्ले से 1 शतक और 11 अर्धशतक देखने को मिले है।
2) अजीत वाडेकर (1970- 1974)
अजीत वाडेकर देश के पहले वनडे कप्तान थे। हालांकि उन्होंने सिर्फ 2 मैचों में टीम की कमान संभाली जिसमें उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा।
इसके अलावा उन्होंने 16 टेस्ट में भारत की कप्तानी की जिसमें से 4 में जीत और 4 में हार झेलनी पड़ी। वहीं 8 मैच ड्रा हो गए।
दाएं हाथ के बल्लेबाज के टेस्ट करियर की बात की जाये तो उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में भारत को रिप्रेजेंट करते हुए 31.07 की औसत के साथ 2113 रन बनाये है। टेस्ट में उनके नाम एक शतक और 14 अर्धशतक दर्ज है।
वहीं उनके वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने मात्र 2 मैच खेले है और 36.50 की औसत के साथ 73 रन अपने नाम किये है। इस दौरान वो एक अर्धशतक जड़ने में कामयाब रहे है।
3) सौरव गांगुली (1999- 2006)
जब 2000 में फिक्सिंग के मुद्दे में टीम के सीनियर खिलाड़ियों का नाम सामने आया, तो यह सौरव गांगुली थे जिन्होंने सचिन तेंदुलकर के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
गांगुली की गिनती भारत के सबसे सफल कप्तानों में की जाती हैं। दादा की कप्तानी में भारत ने विदेशों में मैच जीतने सीखे। उनकी कप्तानी में भारत ने 2003 में वर्ल्ड कप फाइनल और 2000 में नॉक आउट ट्रॉफी के फाइनल तक सफर तय किया था।
उन्होंने 49 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है जिसमें से भारत को 21 में जीत और 13 में हार का सामना करना पड़ा है।
वहीं 15 मैच ड्रा हो गए थे। इसके अलावा दादा ने 146 वनडे मैचों में टीम की कमान संभाली जिसमें से 76 जीते और 65 हारे। वहीं 5 मैच का रिजल्ट नहीं निकला था।
4) गौतम गंभीर (2010 – 2011)
गौतम गंभीर ने 2010 में, एमएस धोनी की अनुपस्थिति में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए कप्तान नियुक्त किया गया था। भारत ने वह सीरीज 5-0 से अपने नाम की और गंभीर प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक वनडे की कप्तानी की और उस मैच में भी जीत का स्वाद चखा था।
अगर एमएस धोनी जैसे कप्तान की मौजूदगी नहीं होती तो गंभीर के पास इस भूमिका को निभाने का ज्यादा समय मिलता। हालांकि आईपीएल में, उन्होंने 2012 और 2014 में केकेआर के कप्तान के रूप में दो ट्रॉफी जीती हैं।
5) सुरेश रैना (2010 – 2014)
पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना एक समय टीम के सीनियर खिलाड़ियों में से एक थे। इसलिए, उन्हें एक-दो मौकों पर भारतीय टीम की कप्तानी करने का मौका मिला है।
सुरेश रैना ने 12 वनडे मैचों मैचों में टीम की कप्तानी की है जिसमें से उन्हें 6 में जीत और 5 में हार झेलनी पड़ी है। वहीं एक मैच का रिजल्ट नहीं निकल सका था। वहीं उन्होंने 3 टी20 इंटरनेशनल मैचों में कप्तानी की है और सभी मैचों में जीत हासिल की है।
6) शिखर धवन (2021)
शिखर धवन टीम इंडिया की कप्तानी करने वाले इस लिस्ट में छठे बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। दिल्ली के इस बल्लेबाज को जुलाई 2021 में श्रीलंका दौरे के लिए टीम का कप्तान बनाया गया था। धवन ने वनडे और टी20 इंटरनेशनल दोनों प्रारूप में कप्तानी की है।
इस खब्बू बल्लेबाज ने 3 वनडे मैचों में कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली है इसमें से टीम ने 2 मैच जीते है और एक हारा है। वहीं उन्होंने 3 टी20 इंटरनेशनल मैचों में टीमों की कप्तानी की है जिसमें से 1 में जीत और 2 में हार झेलनी पड़ी है।
7) ऋषभ पंत (2022)
ऋषभ पंत भी इस लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाने में सफल हो गए है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर में पांच मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज के लिए, पंत को शुरू में उप-कप्तान बनाया गया था।
वहीं इस सीरीज में टीम की कप्तानी करने जा रहे केएल राहुल कमर में चोट लगने के कारण बाहर हो गए। इसके बाद बाद पंत ने इस सीरीज में टीम की कमान संभाली।
सीरीज के शुरूआती मैचों में भारत हार गया था लेकिन अगले दो मैच जीतकर पंत की कप्तानी में भारतीय टीम ने शानदार वापसी की थी। वहीं 5वां मैच बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था।