भारतीय टीम ने टी20 प्रारूप के जन्म के बाद क्रिकेट जगत में काफी प्रगति की है। भारतीय टीम ने 2007 में हुआ पहला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया। इसके बाद बीसीसीआई ने आईपीएल की शुरुआत की और भारत क्रिकेट का पावरहाउस बन गया।
आईपीएल और देश में क्रिकेट के दीवाने की बदौलत भारत में इस समय काफी टैलेंटेड क्रिकेटर हैं। हालांकि, हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता कि उसे इंटरनेशनल लेवल पर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का मौका मिले।
कुछ खिलाड़ी को मौका तो मिल जाता हैं लेकिन वे अपने करियर में इसे बड़ा नहीं बना पाते। तो आज हम आपको उन पांच खिलाड़ियों के बारे में आपको बताएँगे जिन्होंने कभी भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल मैच खेले है लेकिन आप इनसे अंजान होंगे।
1. अजीत अगरकर
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अजीत अगरकर वर्तमान में कमेंट्री करते हुए दिखाई देते हैं। उन्होंने एक दिसंबर 2006 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल में अपना डेब्यू किया था।
इसके बाद उन्होंने अपना आखिरी मैच 16 सितम्बर 2007 को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। उन्होंने भारत के लिए कुल 4 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले है और 8.1 के इकॉनमी रेट के साथ 3 विकेट लिए है।
अजीत अगरकर के वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने 191 मैच खेले है और 5.07 के इकॉनमी रेट की मदद से 288 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया है।
2. दिनेश मोंगिया
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल मैच में भारत की पहली प्लेइंग इलेवन की बात करें तो उस रात दिनेश मोंगिया ने टीम को मैच जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यह इस पूर्व क्रिकेटर का पहला और आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस मैच में 45 गेंद में 4 चौके और एक छक्के की मदद से 38 रन की पारी खेली।
बाएं हाथ के बल्लेबाज मोंगिया के वनडे करियर की बात की जाए तो उन्होंने 57 मैच खेले है और 27.95 की औसत के साथ 1230 रन बनाये है। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और 4 अर्धशतक देखने को मिले है।
3. मुरली कार्तिक
बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज मुरली कार्तिक 20 अक्टूबर 2007 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू था। यह मैच इस स्पिनर के लिए पहला और आखिरी साबित हुआ।
इस मैच में उन्होंने अपने कोटे के 4 ओवरों में 27 रन खर्च कर दिए लेकिन एक भी ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज को पवेलियन कीर राह दिखाने में में कामयाब नहीं हो सके।
मुरली के वनडे करियर की बात की जाए तो उन्होंने भारत को 37 मैचों में रिप्रेजेंट करते हुए 5.07 के इकॉनमी रेट से 37 विकेट हासिल किये है।
4. नमन ओझा
एमएस धोनी ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की और विकेटकीपिंग भी की। वह इंटरनेशनल लेवल पर शायद ही कभी मैच मिस करते थे, इसलिए देश के अन्य विकेटकीपरों को देश के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।
हालांकि फिर भी, टीम मैनेजमेंट ने नमन ओझा को 2010 के खिलाफ जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल सीरीज में मौका दिया। हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेलते हुए, ओझा ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके और दो मैचों में केवल 10 रन बनाए।
वहीं उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 44.44 का था। इसी वजह से उनका टी20 इंटरनेशनल करियर जल्दी समाप्त हो गया, इससे पहले कि फैंस उन्हें एक बड़े लेवल पर नोटिस कर पाते।
5. श्रीनाथ अरविंद
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए शानदार प्रदर्शन के बाद श्रीनाथ अरविंद भारतीय क्रिकेट में एक जाना-माना नाम बन गए। बाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज ने पावरप्ले के ओवरों में बल्लेबाजों को परेशान किया और विकेट भी लिए।
इस प्रकार, भारतीय चयनकर्ताओं ने उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टीम में शामिल किया। उन्होंने 2 अक्टूबर 2015 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल मैच में अपना डेब्यू किया।
उन्होंने इस मैच में केवल 3.4 ओवर में 44 रन लुटाए और एक भी विकेट लेने में कामयाब नहीं। इस मैच में भारत को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।