सचिन तेंदुलकर अब तक के सबसे महान वनडे बल्लेबाज में से एक है। इसके पीछे का कारण यह है कि उन्होंने अलग-अलग एरा में वनडे क्रिकेट खेला और हमेशा खुद को वनडे के डेवलप होने के तरीके के अनुसार ढाला।
तेंदुलकर ने नब्बे के दशक की शुरुआत में वनडे क्रिकेट खेलना शुरू किया था जब 80 की स्ट्राइक रेट को काफी अच्छा माना जाता था और फिर वह ऐसे एरा से गुजरे जहां 100 के स्ट्राइक रेट कोस्टैंडर्ड माना जाता था।
तो आज हम आपको मास्टर ब्लास्टर द्वारा वनडे क्रिकेट में लगाए गए सबसे तेज 5 शतकों के बारे में बताने जा रहे है।
1. जिम्बाब्वे के खिलाफ (71 गेंद)
यह 1998 में शारजाह में खेली गई भारत, श्रीलंका और जिम्बाब्वे की त्रिकोणीय सीरीज का फाइनल था। भारत और जिम्बाब्वे ने फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे ने 9 विकेट खोकर 196 रन बनाये।
हालाँकि, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की भारतीय सलामी जोड़ी ने खेल को पूरी तरह से एकतरफा कर दिया क्योंकि भारत ने एक भी विकेट खोए बिना लक्ष्य को हासिल कर लिया।
तेंदुलकर इस साझेदारी में आक्रामक थे क्योंकि उन्होंने सिर्फ 71 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। मास्टर ब्लास्टर 92 गेंदों में 124 रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि गांगुली 90 गेंदों में 63 रन बनाकर नाबाद रहे।
2. वेस्टइंडीज के खिलाफ (76 गेंद)
2007 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे द्विपक्षीय सीरीज का यह चौथा मैच था और तेंदुलकर ने इस मैच में नंबर 4 पर बल्लेबाजी की। रॉबिन उथप्पा और सौरव गांगुली ने पारी की शुरुआत करते हुए भारत को शानदार शुरुआत दिलाई।
तेंदुलकर ने बाद में उस शुरुआत को भुनाया और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। तेंदुलकर ने सिर्फ 76 गेंदों में 10 चौकों और एक छक्के की मदद से 100 रन बनाकर नाबाद रहे।
इसी वजह से भारत सिर्फ 3 विकेट के नुकसान पर 341 रन बनाने में सफल रहा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की 181 रन पर ढेर हो गए और 160 रन से मैच हार गयी।
3. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (81 गेंद)
यह 2009 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का 5 वां मैच था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाजी करते हुए 350 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा
सचिन ने इस मैच में 81 गेंदों में शतक जड़ दिया। उन्होंने इस मैच में 141 गेंदों पर 19 चौके और 4 छक्के की मदद से 175 रन की पारी खेली। तेंदुलकर के बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भारत यह मैच मात्र 4 रन से हार गया।
4. केन्या के खिलाफ (84 गेंद)
सचिन ने 1999 के वर्ल्ड कप में केन्या के खिलाफ 84 गेंद में शतकीय पारी खेली थी। उन्होंने इस मैच में 101 गेंदों में 16 चौको और 3 छक्कों की मदद से नाबाद 140 रन की पारी खेली।
इस मैच में राहुल द्रविड़ ने भी शतकीय पारी खेली थी। इन दोनों की पारियों की मदद से भारत 2 विकेट खोकर 329 रन का स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा था।
लक्ष्य का पीछा करने केन्या की टीम 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 235 रन ही बना पाने में कामयाब हुई। इसी के साथ भारत ने यह मैच 94 रन से अपने नाम कर लिया।
5. न्यूजीलैंड के खिलाफ (87 गेंद)
भारत, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने 2003 में एक त्रिकोणीय सीरीज खेली थी। हैदराबाद में उस त्रिकोणीय सीरीज के एक मैच में तेंदुलकर ने वीरेंद्र सहवाग के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत की और 87 गेंदों में शतक बनाया।
दोनों ने पहले विकेट के लिए 182 रन जोड़े थे। इस मैच में सचिन ने 91 गेंदों में 102 रन की पारी खेली थी। वहीं सहवाग ने 134 गेंद में 130 रन की पारी खेली थी।
वहीं अंत में राहुल द्रविड़ ने 22 गेंदों में अपने करियर का सबसे तेज अर्धशतक लगाया। उन्होंने 22 गेंदों में 5 चौको और 3 छक्कों की मदद से नाबाद 50 रन की पारी खेली।
इन तीनों की पारियों की मदद से भारत 50 ओवर में 3 विकेट खोकर 353 रन का विशाल स्कोर बनाने में कामयाब रहा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी कीवी टीम 47 ओवर में 208 के स्कोर पर सिमट गयी और 145 रन से मैच हार गयी।