आमतौर पर गेंदबाजों को क्रिकेट टीम का कप्तान नहीं बनाया जाता है इसके पीछे की समझ सरल है। कप्तानी का असर सबसे ज्यादा तब होता है जब टीम फील्डिंग कर रही हो।
चूंकि गेंदबाज को अपनी गेंदबाजी पर ध्यान देना होता है। ऐसे में मैनेजमेंट आमतौर पर गेंदबाज पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालता हैं। हालांकि अब यह बदल गया है। पैट कमिंस को हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था।
उन्होंने बतौर कप्तान अच्छा प्रदर्शन किया और एक लंबे कार्यकाल के लिए तैयार दिख रहे हैं। भारत की बात करें तो जसप्रीत बुमराह हाल ही में टीम के कप्तान बने है।
उनसे पहले, कुछ ऐसे गेंदबाज रहे हैं जिन्होंने टेस्ट में भारत की कप्तानी की है। तो आज हम आपको उन चार गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने अब तक टेस्ट में भारत की कप्तानी का जिम्मा लिया है।
1) गुलाम अहमद (1955-1959)
गुलाम अहमद एक ऑफ स्पिनर थे जिन्होंने टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी की। हैदराबाद का रहने वाले इस खिलाड़ी ने तीन टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाए।
उनकीं कप्तानी में टीम को 2 मैचों में हार झेलनी पड़ी। वहीं एक मैच ड्रा पर छूटा है। उन्होंने भारत के लिए 22 टेस्ट मैच खेले है और 30.17 की औसत के साथ 68 विकेट अपने नाम किये है।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, उन्होंने कुछ सालों तक बीसीसीआई के सचिव के रूप में कार्य किया और कुछ समय के लिए भारतीय टीम के मैनेजर की भी भूमिका निभाई।
2) श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन (1974-1979)
इस लिस्ट में ऑफ स्पिनर वेंकटराघवन भी अपना नाम दर्ज करवाने में सफल हो गए है। उन्होंने भारत की 5 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है लेकिन टीम को एक भी मैच नहीं जितवा पाए।
उनकी कप्तानी में भारत को 2 मैचों में हार का स्वाद चखना पड़ा है जबकि 3 मैच ड्रा हो गए है।
वह 1970 के दशक में प्रसिद्ध भारतीय स्पिन चौकड़ी का हिस्सा थे। उनके टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 57 मैच खेले है और 36.11 की औसत के साथ 156 विकेट लिए।
संन्यास के बाद वेंकटराघवन प्रशासन में आ गए। उन्होंने कुछ समय के लिए भारतीय टीम को मैनेज किया और बाद में अंपायरिंग को भी एक प्रोफेशन के रूप में लिया।
3) बिशन सिंह बेदी (1976-1978)
आमतौर पर इस दौर के गेंदबाजों को अपनी कप्तानी का हुनर दिखाने के लिए बहुत कम मैच मिलते थे। हालांकि, दिग्गज बिशन सिंह बेदी के साथ यह अलग था।
1976 में, उन्हें मंसूर अली खान पटौदी के स्थान पर टीम का कप्तान बनाया गया था। उन्होंने 22 टेस्ट मैचों में कप्तानी का जिम्मा संभाला है जिसमें से 6 में जीत और 11 में हार मिली है। वहीं 5 मैच ड्रा हो गए है।
हालाँकि अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण बाद में, सुनील गावस्कर ने कप्तानी की। बेदी के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने 67 टेस्ट मैच खेले है और 28.71 के औसत की मदद से 266 विकेट लिए है।
4) अनिल कुंबले (2007-2008)
लेग स्पिनर अनिल कुंबले भी उन गेंदबाजों में से एक हैं जिन्होंने अब तक टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी की है। वह भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी करने वाले लेटेस्ट गेंदबाज हैं।
अनिल कुंबले के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 14 मैचों में कप्तानी की है जिसमें से 3 में जीत और 5 में हर का सामना करना पड़ा है। वहीं 6 मैच ड्रा हो गए है।
पूर्व दिग्गज स्पिनर के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 132 मैच खेले है और 29.65 की औसत के साथ 619 विकेट चटकाए है। वो भारत की तरफ से टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज है।