37 साल के भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू 2004 में किया था। हालांकि उस हिसाब से उनका करियर उस गति से नहीं चल पाया जिस गति से चलना चाहिए थे।
इसके पीछे का कारण वो कंसिस्टेंसी से रन नहीं बना पा रहे थे और एम एस धोनी अच्छा प्रदर्शन करते हुए टीम में अपनी जगह पक्की करते जा रहे थे। इसी वजह से कार्तिक टीम में कभी अपनी जगह पक्की नहीं कर सके।
उन्होंने 5 सितंबर 2004 को वनडे में डेब्यू किया और एक महीने के बाद वे पहली बार 3 नवंबर 2004 को भारत के लिए टेस्ट मैच में खेलते हुए दिखाई दिए।
कार्तिक ने 1 दिसंबर 2006 में टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू किया था। वहीं उसी मैच में धोनी ने अपना टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू था। इसी वजह से उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले।
दिनेश कार्तिक एक आक्रामक बल्लेबाजी के रूप में जानें जाते थे लेकिन अच्छा प्रदर्शन ना करने के कारण और धोनी के होने की वजह से वो टीम से ज्यादातर समय बाहर ही रहे
तो आज हम आपको उन तीन कारणों के बारे में बताएंगे जिस वजह से क्यों दिनेश कार्तिक अपने डेब्यू के बाद से भारत के लिए लगातार खेल पाने में कामयाब नहीं हो सके।
1. 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद एमएस धोनी की मजबूत स्थिति
महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करते हुए खिताब जितवा दिया था। इसी के साथ उन्होंने भारतीय टीम में रेगुलर विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर अपनी जगह पक्की कर ली।
2006 तक, दोनों खिलाड़ी भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने में लगे हुए थे, लेकिन एमएसडी ने 2007 के वर्ल्ड कप भारत को जितवा दिया। इस वजह से कार्तिक पूरी तरह से बाहर हो गए।
इसके बाद धोनी को वनडे का भी कप्तान बना दिया गया। इसके बाद वह 2008 में टेस्ट कप्तान भी बन गए और टीम में उनकी जगह पक्की होती चली गयी। कार्तिक को टीम में मौके तब मिले जब धोनी चोटिल हो गए या अन्य इशू के कारण टीम में नहीं थे।
2. कार्तिक कंसिस्टेंसी से प्रदर्शन करने में नाकाम रहे
नेशनल टीम से डीके के गायब होने का दूसरा कारण उनके बल्ले से लगातार रन ना बना पाना भी है। इसका अंदाजा तीनों फॉर्मेट में उनके आकंड़े देखकर भी लगाया जा सकता हैं।
उन्होंने 162 इंटरनेशनल मैचों में सिर्फ 20.38 की औसत से 3302 रन बनाए हैं। वहीं दूसरी तरह धोनी अच्छा प्रदर्शन करते रहे और कार्तिक रन बनाने में नाकाम रहे।
इसके अलावा उन्होंने बल्ले से भी आईपीएल में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। वह एमएसडी के बाद लीग में सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं।
3. मौकों को भुनाने में हो गए फेल
कार्तिक को जो मौके मिले वो उनको भुनाने में फेल हो गए जिस वजह से उनका इंटरनेशनल करियर ज्यादा अच्छा नहीं रहा।
2014 में धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, चयनकर्ताओं ने कार्तिक को उनके खराब प्रदर्शन के कारण टीम में नहीं चुना बल्कि ऋद्धिमान साहा को चुना।
2018 में इंग्लैंड के दौरे में साहा के चोटिल होने के कारण, दिनेश कार्तिक को फिर से टीम में शामिल किया गया लेकिन वह अच्छा प्रदर्शन करने में फेल रहे। जिसके बाद ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया गया।
वहीं जैसे ही पंत ने ओवल टेस्ट में एक शानदार शतक जमाया, उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अपना स्थान पक्का कर लिया।
वहीं दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज कार्तिक ने आईपीएल 2022 में अच्छा प्रदर्शन किया है और इसी वजह से उन्हें भारतीय टी20 टीम में जगह मिली है। इस साल वो ऑस्ट्रेलिया के टी20 वर्ल्ड कप की भारतीय टीम में जगह बनाने के प्रबल दावेदार है।