टेस्ट मैच क्रिकेट के खेल का सबसे पुराना और सबसे लंबा चलने वाला फॉर्मेट है। क्रिकेट के खेल ने पिछले कुछ दशकों में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। मगर टेस्ट क्रिकेट आज भी अपनी बादशाहत बरकरार रखने में कामयाब हुआ है।
बात अगर कप्तानी की जाये तो टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करना अधिक जिम्मेदारी का काम होता है। इस फॉर्मेट में जीत, हार और ड्रॉ के अलावा पारी से मिली हार और जीत बहुत मायने रखी जाती है।
कोई भी टीम पारी से हारना नहीं चाहती क्योंकि यह सिर्फ एक हार नहीं बल्कि बहुत बड़ी होती है। जब भी कोई टीम किसी टेस्ट मैच को पारी से जीतने में सफल हो जाती है तो इसका मतलब ये होता है कि उन्होंने एक बार में उतने रन बना लिए, जितने कि उनके विरोधी टीम दो पारियों में भी नहीं बना पायी।
अभी हाल ही के इंग्लैंड दौरे में इंग्लैंड की टीम ने भारतीय टीम को एक पारी और 76 रन से मात दी थी। यह दूसरी बार था जब भारत को विराट कोहली की कप्तानी में पारी से हार का सामना करना पड़ा हो।
तो आज हम आपको उन 4 भारतीय कप्तानों बताएंगे, जिन्हें टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के रूप में सबसे अधिक पारी से हार झेली हो।
4. बिशन सिंह बेदी
अपनी स्पिन गेंदबाजी से दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान करने वाले पूर्व भारतीय खिलाड़ी बिशन सिंह बेदी भी टेस्ट फॉर्मेट में भारत की कप्तानी कर चुके हैं। हालांकि उनका कप्तानी का रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नहीं गया।
बेदी ने 22 मैचों में भारत की कप्तानी की, जिसमें से टीम ने 6 मैच जीते तथा 11 मैच हारे। इस दौरान उनकी कप्तानी में टीम को 3 बार पारी की हार का भी सामना करना पड़ा था।
बेदी के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने भारत के लिए 67 मैच खेले है और 28.71 की औसत के साथ 266 विकेट अपने नाम किये है।
3. मंसूर अली खान पटौदी
नवाब मंसूर अली खान सिद्दीकी पटौदी की गिनती भारत के सबसे महान खिलाड़ियों में की जाती है। उन्होंने 21 साल की उम्र में भारतीय टीम की कप्तानी दी गयी थी।
उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें से सिर्फ 9 मैचों में ही जीत नसीब हुई जबकि 19 मैच में हार का सामना करना पड़ा और 12 टेस्ट मैच ड्रा रहे। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम 4 बार पारी से हार का सामना कर चुकी हैं।
अपने करियर में 46 टेस्ट मैच खेलने वाले पटौदी ने 34.91 के औसत से 2793 रन बनाये हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 6 शतक और 16 अर्धशतक देखने को मिले है।
2. लाला अमरनाथ
लाला अमरनाथ आजाद भारत के पहले कप्तान बने थे। उन्होंने साल 1947 से 1952 तक भारतीय टीम की कमान संभाली थी। उनकी ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 1952 में पाकिस्तान को 2-1 से मात दी थी।
वह टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बने थे। उनकी कप्तानी में भारत ने 15 टेस्ट मैच खेले और दो जीते, 6 हारे। उनकी कप्तानी में भारत 4 बार पारी से हार चुका हैं।
लाला अमरनाथ भारत को 24 टेस्ट मैच में रिप्रेजेंट किया है और 24.38 की औसत से 878 रन बनाये है। इस दौरान उन्होंने 1 शतक और 4 अर्धशतक भी जड़े है। वहीं गेंदबाजी करते हुए 45 विकेट किये है।
1. एमएस धोनी
महेंद्र सिंह धोनी की गिनती भारत के सबसे सफल कप्तानों में होती है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 2007 टी20 विश्व कप, 2011 विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी।
इसमें कोई शक नहीं है कि सीमित ओवर के खेल में धोनी की कप्तानी का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। मगर टेस्ट क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। धोनी ने भारत के लिए 60 टेस्ट मैचों में कमान संभाली थी।
जिसमें 27 में भारत को जीत नसीब हुई, 18 में हार और 15 मैच ड्रॉ हो गए थे। धोनी की कप्तानी में भारत को सर्वाधिक 8 टेस्ट मैच में पारी से हार झेलनी पड़ी थी।
धोनी ने अपने करियर में भारत को 90 टेस्ट मैच में रिप्रेजेंट करते हुए 38.09 के औसत के साथ 4876 रन बनाये है। इस दौरान उनके बल्ले से और 33 अर्धशतक देखने को मिले है।