भारतीय टीम पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। भारतीय टीम ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया को ऑस्टलिया में लगातार दूसरी बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हराया जबकि टीम में कई बड़े खिलाड़ी मौजूद नहीं थे।
उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में बढ़त बना रखी। सीरीज का आखिरी मैच 1 जुलाई से खेला जाएगा। इसके बाद न्यूजीलैंड को 1-0 से हरा दिया था।
इसका श्रेय भारतीय टीम में मौजूद हर इंसान को जाता है। वहीं टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से कई ऐसे बल्लेबाज देखने को मिले है जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
कई भारतीय बल्लेबाजों ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक मारकर बता दिया था कि उन्हें कोई हल्के में लेने की भूल ना करें।
इन शतक जड़ने वाले बल्लेबाजों में से कईयो ने आगे चलकर भारतीय टीम की कमान संभाली है और उनकी कप्तानी में टीम ने अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वहीं कुछ ऐसे भी खिलाड़ी देखने को मिले है जिन्हें कप्तान बनने का मौका नहीं मिल सका।
इसके अलावा सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, धोनी सहित कई खिलाड़ी ऐसे रहे है जो पहले टेस्ट में शतक लगाने में सफल नहीं हो पाए थे लेकिन क्रिकेट में देश का नाम काफी ऊपर लेकर गए है।
तो आज हम आपको भारत की तरफ से बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले तीन ऐसे कप्तानों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने डेब्यू टेस्ट में शतक लगाकर दिखाया है और आगे चलकर टेस्ट टीम की कप्तानी का जिम्मा भी संभाला है।
3. मोहम्मद अजहरुद्दीन
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1984 में कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 110 रन अपने नाम किये थे। अपनी इस पारी में उन्होंने 10 चौके लगाए थे।
उन्होंने आगे चलकर भारतीय टीम की कप्तानी भी की है। अजहरुद्दीन ने भारत के लिए 99 टेस्ट मैच खेले है और 45.03 के औसत की मदद से 6215 रन अपने खाते में जोड़े थे। इस दौरान उनके बल्ले से 22 शतक और 21 अर्धशतक निकले है।
हालांकि ये बेहतरीन बल्लेबाज क्रिकेट के इस लंबे प्रारूप में कभी दोहरा शतक नहीं लगा पाया ,टेस्ट क्रिकेट में अजहरुद्दीन का हाई स्कोर 199 रन है। दोहरा शतक ना लगा पाने का मलाल उन्हें हमेशा रहेगा।
अजहरुद्दीन ने 47 टेस्ट मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की है जिनमें से टीम को 14 मैचों में जीत और इतने ही मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। वहीं 19 मैच ड्रा पर छूटे है।
2. सौरव गांगुली
सौरव गांगुली की गिनती दुनिया के बेहतरीन कप्तानों और बल्लेबाजों में की जाती है। गांगुली ने ने 1996 में लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था।
अपने डेब्यू टेस्ट मैच में दादा ने 131 रन की बेहतरीन शतकीय पारी खेली थी। अपनी इस पारी में उन्होंने 20 चौके लगाए थे। इस टेस्ट के बाद गांगुली ने अगले टेस्ट में भी शतक जड़कर दिखा दिया था और सभी को बता दिया था कि वो लंबी रेस के घोड़े है।
सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने के कारण उन्हें मैन ऑफ द सीरीज के अवार्ड से नवाजा गया था। गांगुली के टेस्ट करियर को लेकर बात की जाये तो उन्होंने 113 टेस्ट मैच में भारत को रिप्रेजेंट करते हुए 42.18 की औसत से 7212 रन अपने नाम किये है।
इस दौरान उन्होंने 16 शतक, 1 दोहरा शतक और 35 अर्धशतक लगाए है। गांगुली का टेस्ट मैचों में हाई स्कोर 239 रन है। गांगुली ने 49 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है जिसमें से टीम को 21 में जीत और 13 में हार झेलनी पड़ी है। वहीं 15 मैच ड्रा हो गए थे।
1. वीरेंद्र सहवाग
बहुत कम लोग को इस बारे में जानकारी होगी की वीरेंद्र सहवाग भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान भी रह चुके हैं। उन्होंने 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्लोमफोंटेन में टेस्ट डेब्यू किया था और शानदार 105 रन की शतकीय पारी खेली थी।
सहवाग के टेस्ट`करियर की बात की जाए तो उन्होंने 104 टेस्ट मैच खेले है और 49.34 के बेहतरीन औसत के साथ 8586 रन अपने नाम किये है। इस दौरान उनके बल्ले से 23 शतक, 6 दोहरे शतक, 2 तिहरे शतक और 32 अर्धशतक लगाए है।
अपने टेस्ट करियर में उन्होंने चार टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी का जिम्मा संभाला है। इनमें 2 मैच में टीम को जीत नसीब हुई है और एक में हार मिली है। वहीं एक मैच ड्रा पर छूटा है।