हर साल काफी क्रिकेटर अपने देश के लिए डेब्यू करते हैं इनमें से कुछ अच्छा प्रदर्शन करते हुए टीम में अपनी जगह बना लेते है। वहीं कुछ अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हो पाते है तो उन्हें टीम से अपनी जगह खोनी पड़ती हैं।
वहीं कुछ ऐसे भी क्रिकेटर रहे है जिनके करियर का अंत बेहद शानदार तरीके से हुए है। वहीं कुछ ऐसे भी क्रिकेटर रहे है जिनके करियर का अंत सबसे दुखद हुआ है। उन्हें में जिम्बाब्वे के एक क्रिकेटर हेनरी ओलोंगा का नाम शामिल है।
एक क्रिकेटर जिसे कभी सर्वश्रेष्ठ उभरते खिलाड़ी के रूप में माना जाता था, बाद में उसे टीम बस से बीच में ही बाहर फेंक दिया गया और उसे विदेश खुद अपनी देखभाल करने के लिए कहा गया।
तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताएंगे। जिम्बाब्वे के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ओलोंगा देश को रिप्रेजेंट करने वाले पहले अश्वेत खिलाड़ी थे।
वो 2003 वर्ल्ड कप के दौरान, रॉबर्ट मुबेज (जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति) के मानवाधिकारों के उल्लंघन के विरोध में अपनी टीम के साथी एंडी फ्लावर के साथ शामिल हुए।
उस समय ‘ब्लैक आर्म बैंड’ विरोध वर्ल्ड कप 2003 का मुद्दा बन गया और जिम्बाब्वे सरकार ने हेनरी ओलोंगा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।
उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था और इसकी सजा जिम्बाब्वे में तत्काल मौत होगी। हालांकि भाग्य को कुछ और ही मंजूर था।
2003 के वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे और पाकिस्तान के बीच ग्रुप स्टेज का आखिरी मैच धुल गया और जिम्बाब्वे ने सुपर सिक्स में प्रवेश किया।
इसलिए गिरफ्तार होने से पहले हेनरी जिम्बाब्वे से बाहर जाने में सक्षम थे। जब वह अपनी टीम की बस में थे, तब जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने मैनेजमेंट से उन्हें जर्नी के बीच में टीम बस से बाहर निकालने के लिए कहा।
उन्हें टीम बस से बाहर निकाल दिया गया और बाद में उन्हें होटल और अन्य बिलों का भुगतान खुद करने के लिए कहा गया। हेनरी ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि जिस समय उन्हें बाहर किया गया था।
उस समय उन्होंने टीम की जर्सी पहन रखी थी और उनके पास कुछ भी नहीं था, यहां तक कि कपड़े का एक और सेट भी नहीं था।
उन्हें ई-मेल से कई जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं और बाद में उनकी गर्लफ्रेंड ने उनसे संबंध तोड़ लिया। आखिरकार उन्होंने जिम्बाब्वे और क्रिकेट दोनों छोड़ दिया।
हेनरी ओलोंगा के नाम दर्ज है टेस्ट क्रिकेट में 100 से ज्यादा रन
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज के वनडे करियर की बात की जाए तो उन्होंने 50 मैच खेले है और 5.76 के इकॉनमी रेट की मदद से 58 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है।
उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ आया था जब उन्होंने 19 रन देकर 6 विकेट हासिल किये थे। उनके इस शानदार प्रदर्शन की मदद से जिम्बाब्वे ने यह मैच 104 रन से जीत लिया था।
हेनरी ओलोंगा के टेस्ट करियर की बात की जाये तो उन्होंने जिम्बाब्वे को 30 टेस्ट मैच में रिप्रेजेंट करते हुए 38.53 के औसत की मदद से 68 विकेट लिए है। इस दौरान उन्होंने 5 विकेट हॉल 2 बार लिया है।
उनके फर्स्ट क्लास करियर की बात की जाए तो उन्होंने 66 मैच खेले है और 37.89 के औसत से 156 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाने में सफलता हासिल की है।
ओलोंगा के लिस्ट ए करियर की बात की जाए तो उन्होंने 82 मैच खेले है और 33.67 के औसत की मदद से 92 विकेट लिए है।