कप्तानी वापस लेने और सनराइजर्स हैदराबाद को हराने के बाद, ऐसा लगा कि एमएस धोनी एक बार फिर अपना जादू बिखेर सकते हैं और चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को प्लेऑफ में पहुंचा सकते हैं।
हालाँकि, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उस सपने को कुचलने का काम कर दिया। आरसीबी ने बुधवार को पुणे में चार बार के चैंपियन को 13 रनों से हराया और गत चैंपियन को लगभग बाहर कर दिया।
जबकि आरसीबी चौथे स्थान पर वापस आ गई। बैंगलोर अब 12 मैचों में 14 अंकों के साथ प्लेऑफ बर्थ के लिए एक मजबूत दावेदारी बना रही है।
वहीं अब सीएसके का भविष्य अनिश्चित है। अभी तक केवल पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस के प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने की पुष्टि की गई है। पर दिल्ली के खिलाफ मिली जीत के अंदाज ने चेन्नई की उम्मीद जिंदा कर दी है।
मुंबई के 9 मैचों में केवल 2 अंक हैं और वे अधिकतम 12 अंक तक पहुंच सकते हैं। 12 अंक अभी तक 4 टीमों ने हासिल कर लिए हैं और उनके कई मैच बाकी हैं।
सीएसके, हालांकि, अभी भी प्लेऑफ की दौड़ के लिए जीवित है – लेकिन उसकी किस्मत सिर्फ जीतने से नहीं बल्कि अन्य टीमों के परिणामों पर टिकी होगी।
सीएसके के 11 मैचों में 8 अंक हैं, और यदि वे अपने शेष 3 मैच जीतते हैं, तो वे अधिकतम 14 अंक प्राप्त कर सकते हैं। सीएसके का अब तक का रिकॉर्ड खराब रहा है। उन्हें यह मनाना होगा कि आरसीबी और राजस्थान अपने आखिरी दोनों मैच हार जाएं।
फिर भी उन्हें आधिकारिक तौर पर बाहर नहीं माना जा सकता है। अभी भी कुछ अगर और मगर के चक्कर उन्हें प्लेऑफ़ में ले जा सकते हैं।
फिर भी ऐसा नहीं होगा यह लगभग तय है, क्योंकि दो टीमों – गुजरात और लखनऊ – के 16 अंक हैं और दो अन्य – आरआर और आरसीबी – 14-14 अंकों के साथ बैठे हैं।
इसके बाद दो और – एसआरएच और पीबीकेएस – प्रत्येक के 10 अंक हैं। उन सभी के पास खेलने के लिए कम से कम तीन गेम शेष हैं। सीएसके का नेट रन अब अच्छा हो गया है।
उन्हें अपने सभी 3 मैच भारी अंतर से जीतने की आवश्यकता होगी और चौथे स्थान पर पहुंचने के लिए अन्य सभी परिणामों के उनके पक्ष में जाने आवश्यकता होगी।
संक्षेप में कहें तो मुंबई इस सीजन में नॉकआउट होने वाली पहली फ्रेंचाइजी है और चेन्नई को एक हार उसी जगह पहुँचा देगी।
मुंबई की टीम जहां अपने सभी खिलाड़ियों को मौका दे रही है वहीं चेन्नई की टीम अभी भी ज्यादातर अनुभवी खिलाड़ियों पर दांव खेल रही है।
चेन्नई अगर एक बार और हारती है तो उसकी टूर्नामेंट की लीग चरण से ही बाहर होने की पुष्टि हो जाएगी और वह भी कुछ नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका दे सकती है।
सभी श्रीलंका के नए मलिंगा और प्रशांत सोलंकी जैसे स्पिनरों को खेलते हुए देखना चाहते हैं। चेन्नई के बाहर होने की स्थिति में उनको एक मौका मिल सकता है।