भारत में क्रिकेटरों का व्यक्तित्व बड़ा होता है और उन्हें किसी अन्य स्टार की तुलना में ज्यादा मशहूर है। क्रिकेट के मैदान पर अपनी काबिलियत साबित करने के बाद कई खिलाड़ी देश की सेवा के लिए राजनीति के मैदान में कूद पड़ते हैं।
वे लोगों को प्रभावित करने और समाज में बदलाव लाने के लिए अपनी सामाजिक लोकप्रियता का उपयोग करने की कोशिश करते हैं। क्रिकेट की तरह, भारत में राजनीति भी एक कठिन पेशा है।
इस पेशे में कई क्रिकेटरों ने अपनी दूसरी पारी के लिए राजनीति का रुख किया है। हालांकि इसमें कुछ को ही सफलता का स्वाद चखने को मिल पाया है। तो आज हम आपको उन पांच भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे जिन्होंने राजनीति में कदम रखा।
5. गौतम गंभीर
2019 में लोकसभा चुनाव के साथ राजनीति में डेब्यू करते हुए, गौतम गंभीर ने पहले ही राजनीति में अपना नाम बना लिया है। उन्होंने पूर्वी दिल्ली से आप की आतिशी मार्लेना और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा।
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने लगभग 7 लाख वोटों से चुनाव जीतकर अपने विरोधियों को बड़ी हार का स्वाद चखा दिया।
तब से, गंभीर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए एक मुख्य रहे हैं। उन्हें अक्सर राजनीतिक विरोधियों के साथ जुबानी जंग में देखा जाता हैं।
बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज के इंटरनेशनल करियर की बात की जाए तो उन्होंने 242 मैच खेले है और 10,324 रन बनाये है। इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके नाम 20 शतक, एक दोहरा शतक और 63 अर्धशतक दर्ज है।
4. मनोज तिवारी
घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बनाने वाले मनोज तिवारी राजनीति में शामिल होने वाले कुछ एक्टिव क्रिकेटरों में से एक है। बंगाल का यह खिलाड़ी 2021 में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
मनोज तिवारी ने 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव शिबपुर निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था और बाद में जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री के रूप में अपना पदभार संभाला।
दाएं हाथ के बल्लेबाज तिवारी के इंटरनेशनल करियर की बात की जाए तो उन्होंने 15 मैच खेले है 302 रन अपने नाम किये है। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक देखने को मिला है।
3. मोहम्मद अजहरुद्दीन
कई लोग पूर्व दिग्गज क्रिकेटर अजहरुद्दीन को मैच फिक्सिंग कांड से जोड़ते हैं। वो फ्लिक शॉट खेलने के लिए मशहूर थे। उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए 15,000 से ज्यादा रन अपने खाते में जोड़े।
इस बार एक राजनेता के रूप में लोगों की सेवा करने से पहले वो मैच फिक्सिंग कांड के बाद लगभग 10 वर्षों तक सुर्खियों से दूर रहे। उन्होंने 2009 में राजनीति में प्रवेश किया।
2009 में उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा। अजहरुद्दीन ने तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।
2. कीर्ति आज़ाद
1983 के वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे कीर्ति आज़ाद राजनेताओं के परिवार से हैं। उनके पिता भागवत झा आजाद, एक कांग्रेस नेता, जिन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था।
संन्यास लेने के बाद उन्होंने ब्रॉडकास्टिंग में हाथ आजमाया। इसके बाद पूर्व क्रिकेटर भाजपा में शामिल हो गए और बिहार की दरभंगा सीट से जीतकर दो दशकों से ज्यादा समय तक पार्टी को रिप्रेजेंट किया।
हालांकि, उन्होंने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ में भ्रष्टाचार को लेकर वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की आलोचना की, जिसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया।
2019 में कीर्ति आज़ाद इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद पांच राज्यों में 2022 के विधान सभा चुनावों से पहले वो टीएमसी में शामिल हो गए।
1. हरभजन सिंह
पूर्व भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह की गिनती दुनिया के बेहतरीन स्पिनरों में की जाती हैं। इस ऑफ स्पिनर ने भारत को 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
भज्जी के इंटरनेशनल करियर की बात करें तो उन्होंने 367 मैच खेले है और 711 विकेट अपने नाम किये है। हरभजन ने हाल ही में राजनीति में प्रवेश किया है।
सोमवार (18 जुलाई) को, हरभजन ने आम आदमी पार्टी (आप) को रिप्रेजेंट करते हुए, राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। पूर्व क्रिकेटर ने घोषणा की है कि वह आने वाले दिनों में पंजाब और देश के लोगों की सेवा करना चाहते हैं।