अगर किसी भी स्पोर्ट्स में टीम को अगर जीत हासिल करनी है तो हर खिलाड़ी को अपना योगदान देना पड़ता हैं। ऐसा ही कुछ क्रिकेट में भी हैं।
क्रिकेट में खिलाड़ियों ने कई मौकों अपने साथियों की मदद करने के लिए कई सेल्फलेस काम करके दिखाए है। तो आज हम आपको ऐसे ही 5 क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने टीम और साथियों के लिए बलिदान दे दिया।
1. रॉबिन उथप्पा
2014 में भारत और श्रीलंका के बीच हुए चौथे वैन वनडे मैच में जब भारत का स्कोर 4 विकेट खोकर 276 रन था और रोहित शर्मा 155 रन बनाकर क्रीज पर टिके हुए थे।
उस समय जब 41वें ओवर में बल्लेबाजी करने आये रॉबिन उथप्पा ने ज्यादातर समय रोहित को सिंगल देते हुए स्ट्राइक दी। उस मैच में रोहित ने 173 गेंदों में 33 चौको और 9 छक्कों की मदद से 264 रन की शानदार पारी खेली।
वहीं उथप्पा 16 गेंद में एक चौके की मदद से 16 रन बनाकर नाबाद लौटे। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 5 विकेट खोकर 404 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था।
वहीं श्रीलंका की टीम 43.1 ओवरों में 251 रन पर सिमट गयी और भारत 153 रन के विशाल अंतर से मैच हार गया।
उथप्पा काफी समय बाद टीम में आये थे और वह कुछ बड़े शॉट जमाकर प्रभाव डालने की कोशिश कर सकते थे पर उन्होंने टीम के हित को सर्वोपरि रखा।
2. गौतम गंभीर ने विराट कोहली को दिया अपना प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड
2009 में श्रीलंका ने भारत के खिलाफ ईडन गार्डन्स में खेले गए चौथे वनडे मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 6 विकेट खोकर 315 रन का स्कोर खड़ा किया था।
वहीं लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 48.1 ओवरों में 3 विकेट खोकर मैच को अपने नाम कर लिया था। भारत की तरफ से गौतम गंभीर ने 137 गेंद में 14 चौको की मदद से 150 रन की पारी खेली। ये उनके वनडे करियर की बेस्ट पारी थी।
वहीं विराट ने 114 गेंदों में 11 चौको और एक छक्के की मदद से 107 रन की पारी खेली थी। इस मैच में जब गंभीर को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला तो उन्होंने अपना ये अवार्ड कोहली को दे दिया।
3. जवागल श्रीनाथ की मदद से जब कुंबले ने चटकाए 10 विकेट
1999 में पाकिस्तान और भारत के बीच दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच में अनिल कुंबले मेहमान टीम की दूसरी पारी में 9 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा चुके थे।
वहीं दूसरे छोर से गेंदबाजी करते हुए तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने वकार यूनिस को आउट न करें ताकि कुंबले 10 विकेट ले सके। कुंबले ने एक पारी में 10 विकेट लेते हुए इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया।
4. रिचर्ड हेडली
न्यूजीलैंड के महान तेज गेंदबाज रिचर्ड हेडली 1985 के ब्रिस्बेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली पारी में 52 रन देकर 9 विकेट ले चुके थे। वो 10 विकेट लेकर इतिहास रच सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
हेडली ने वॉन ब्राउन की गेंद पर 9वें विकेट का कैच ले लिया। उन्होंने अपना निजी रिकॉर्ड बनाने से पहले टीम के हित को आगे रखा। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 76.4 ओवरों में 179 के स्कोर पर ढेर हो गयी थी।
वहीं कीवी ने पहली पारी में 7 विकेट खोकर 553 रन के स्कोर पर पारी घोषित कर दी थी। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की टीम 333 रन के स्कोर पर सिमट गयी और न्यूजीलैंड ने यह मैच पारी और 41 रन से अपने नाम कर लिया।
रिचर्ड हेडली ने दूसरी पारी में भी 71 रन देकर 6 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी। उन्होंने टेस्ट मैच में कुल मिलाकर 15 विकेट लिए थे। उनके इस शानदार प्रदर्शन करने के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के अवार्ड से नवाजा गया था।