दिल्ली कैपिटल्स ने बंगाल के तेज गेंदबाज मुकेश कुमार को 5.5 करोड़ रुपये में साइन किया। मुकेश ने नीलामी में 20 लाख रुपये के बेस प्राइस पर प्रवेश किया था।
उनके खरीदने के लिए सीएसके और डीसी में रेस लग गयी। बाद में पीबीकेएस भी शामिल हो गयी। मुकेश की कीमत तेजी से 1 करोड़ रुपये के पार चली गई। चेन्नई अंततः रेस से बाहर हो गया।
हालांकि दिल्ली कायम रहा और अंततः उन्होंने मुकेश को साइन कर लिया। अक्टूबर में, मुकेश ने दक्षिण अफ्रीका वनडे के लिए पहली बार भारतीय टीम में जगह बनाई।
मुकेश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, “2012 में, मुकेश के पिता चाहते थे कि वह नौकरी करें और परिवार की मदद करें। हालांकि मुझे क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था। मुझे कड़ी मेहनत करना पसंद था।
मुझे यह भी नहीं पता था कि इनस्विंग या आउटस्विंग क्या होती है। मैं सिर्फ इतना जानता था कि तेज गेंदबाजी करनी है। मैं दूसरे डिविजन में ऐसे ही खेला, पहले मैच में छह विकेट चटकाए।
उन्हें आगे कहा, “मैं कई बार कोलकाता, पटना, यहां तक कि दिल्ली में इन पुरस्कार-राशि के टूर्नामेंट खेला। इसके बाद विजन 2020 का ट्रायल आया और इसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी।
बंगाल क्रिकेट संघ ने वी.वी.एस. के साथ टैलेंट हंट कम ग्रूमिंग प्रोग्राम लॉन्च किया। लक्ष्मण, वकार यूनुस और मुथैया मुरलीधरन शीर्ष पर हैं। बोस ने उनकी प्रतिभा को भांप लिया और वकार को उन्हें शामिल करने के लिए राजी कर लिया।
मुकेश ने कहा, “मैं रानो सर और जॉय सर का ऋणी हूं। उन्होंने मुझे अनुशासित और धैर्यवान होना सिखाया।” उन्होंने भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और बंगाल के मुख्य कोच अरुण लाल का भी शुक्रिया अदा किया।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ले चुके हैं 100 से ज्यादा विकेट
29 वर्षीय दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुकेश के फर्स्ट क्लास करियर की बात की जाए उन्होंने 33 मैच खेले है और 21.49 के औसत की मदद से 123 विकेट हासिल किये है।
इसके अलावा उन्होंने 24 लिस्ट ए मैच खेले है और 5.10 के शानदार इकॉनमी रेट की मदद से 26 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाने में सफलता हासिल की है।
मुकेश ने अभी तक 23 टी20 मैच भी खेले है और 7.20 के इकॉनमी रेट की मदद से 25 बल्लेबाजों को आउट किया है। टी20 में उनका बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन 12 रन देकर 3 विकेट लेना रहा है।
मुकेश पिता चलाते थे ऑटो
आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि मुकेश सेना में जाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने तीन बार कोशिश की थी और तीनों बार फेल हो गए थे।
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुकेश बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं। गरीबी के कारण उनके पित कोलकाता जाकर ऑटो चलाने लग गए थे। उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे।