ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने पहले एशेज टेस्ट मैच में खराब अंपायरिंग पर सवाल खड़े किये हैं।
एशेज सीरीज के पहले मैच में बेन स्टोक्स ने गेंदबाजी करते हुए 14 नो बॉल फेंकी लेकिन अंपायरों ने उस ओर कुछ भी ध्यान नहीं दिया।
वहीं जब स्टोक्स की गेंद पर डेविड वॉर्नर आउट होकर पवेलियन की ओर वापस जा रहे थे तब नो बॉल चेक कि गयी तो वो नो बॉल निकली और वार्नर को जीवनदान मिल गया।
वार्नर ने इस जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए 176 गेंद में 94 रन की पारी खेली। उन्हें मलाल इस बात का रहेगा कि वो शतक बनाने से चूक गए। अपनी इस पारी में उन्होंने 11 चौके और 2 छक्के लगाए।
दरअसल बेन स्टोक्स ने एक बेहतरीन गेंद पर डेविड वॉर्नर को बोल्ड कर दिया था। उस समय वॉर्नर क्रीज पर केवल 17 रन बनाकर खेल रहे थे। हालांकि रीप्ले में दिखा कि बेन स्टोक्स की वो गेंद नो बॉल है।
इस तरह से वॉर्नर को जीवनदान मिल गया। हालांकि उस पूरे ओवर के दौरान स्टोक्स ने हर एक गेंद नो बॉल फेंकी थी लेकिन इससे पहले तक अंपायरों का उस और ध्यान ही नहीं गया था।
वॉर्नर के विकेट के बाद ये चीज नोटिस हुई। बाद में पता चला कि बेन स्टोक्स ने कुल मिलाकर 14 नो बॉल फेंकी थी।
इस खराब अंपायरिंग से रिकी पोंटिंग काफी नाराज दिखे और उन्होंने चैनल सेवन को दिए इंटरव्यू में कहा
“अगर किसी को नो बॉल चेक करने की जिम्मेदारी मिली है और वो ऐसा नहीं करें तो फिर ये काफी खराब अंपायरिंग कही जाएगी।
जिस ओवर में उन्होंने वॉर्नर को आउट करा था उसमें उससे पहले भी उन्होंने कई नो बॉल फेंकी थी और अगर अंपायरों ने तभी ध्यान दे दिया होता तो फिर स्टोक्स आगे नो बॉल ना करते और फिर शायद वॉर्नर आउट भी हो सकते थे।
मैं ये पता करना चाहता हूं कि स्टोक्स की नो बॉल को पहले क्यों नहीं चेक की गयी। आईसीसी नियमों के अनुसार तीसरे अंपायर को बॉलर की हर गेंद देखनी होती है को वह नो बॉल है या नहीं है।”
वहीं इस पर क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने कहा कि गाबा में टेक्नोलोजी से जुड़ी समस्या का अर्थ है कि तीसरे अंपायर पॉल विल्सन यह पता करने के लिये कि गेंदबाज ने क्रीज से आगे पांव रखा है।
प्रत्येक गेंद के रीप्ले की समीक्षा नहीं कर सकने में सक्षम है। इसका मतलब है कि मैदानी अंपायरों को ही इस पर फैसला लेना होगा।
अगर सीरीज के पहले ही मैच में इस तरह की अंपायरिंग देखने को मिल जाएगी तो पूरी सरीज को विवादों में घिरने से कोई नहीं बचा सकता है।