बेंगलुरु में पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने के बाद भारत का स्कोर 33 ओवर में 126/5 है। स्कोर यह सुझाव दे सकती है कि श्रीलंका के पास दबदबा है लेकिन यह एक मिला जुला सत्र है।
स्पिनरों के दबदबे के साथ पिच में काफी टर्न हो रहा है। श्रीलंका आज बेहतर स्थिति में होता अगर उसने इधर उधर गेंदबाजी करके इतने रन नहीं दिए होते।
खबर लिखे जाने के समय तक जडेजा क्रीज पर आए हैं और उनके साथ 7 रन बनाकर खेल रहे हैं। इससे ठीक पहले ऋषभ पंत 39 रन बनाकर आउट हुए हैं।
एक रन आउट की बदौलत भारत को जल्दी झटका लग गया और फिर रोहित शर्मा भी सस्ते में आउट हो गए थे।
हनुमा विहारी और विराट कोहली के बीच एक अच्छी साझेदारी हुई, लेकिन लंकाई दिन के पहले ब्रेक से पहले इन दोनों से ही छुटकारा पाने में सफल रहे।
कोहली ने बहुत मुश्किल ट्रैक पर गेंदबाजों का सामना करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन अंतत: सतह की वजह से उनकी हार हुई।
वह पार्ट टाइम स्पिनर धनंजय डी सिल्वा की गेंद पर आउट हुए। वह जल्दी ही लेंथ का अनुमान तो कर लेते हैं लेकिन गेंद तेजी से मुड़ी और पैड्स पर टकरा गई।
अंपायर को अपनी उंगली उठाने में कोई झिझक नहीं हुई। विकेट के टर्न से हैरान कोहली ड्रेसिंग रूम में वापस चलने से पहले 23 रन बनाए।
हनुमान विहारी का विकेट 31 रन के निजी स्कोर पर गिरा। प्रवीण जयविक्रमा ने काफी पिटाई के बाद आखिरकार विहारी को विकेटकीपर निरोशन डिकवेला के हाथों कैच कराया।
डिकवेला ने पहली बार कैच लगभग छोड़ दिया था पर दूसरे प्रयास में उसे पकड़ लिया। पिच काफी ज्यादा घूम रही है। विहारी ने फ्रंट फुट पर डिफेंस किया था लेकिन वह बाहरी किनारा दे बैठे थे।
इससे पहले भी अंपायर ने हनुमा विहारी को प्रवीण जयविक्रमा को एलबीडब्ल्यू आउट करार दिया। विहारी ने विराट कोहली से रिव्यू के लिए संपर्क किया।
उन्हें डीआरएस लेने की सलाह दी गई। यह सही कॉल साबित हुई क्योकि रिप्ले में गेंद पिच करने के बाद मुड़ी और लेग स्टंप हिट से चूक गई।
यह एक ऐसी पिच की तरह लग रही है जिसमें बल्लेबाजों को लगातार अपने पैर की उंगलियों पर रहना होगा।
यहां आराम से बैठने और ढीले ढाले तरीके से खेलने का समय नहीं होगा। कदमों के इस्तेमाल के साथ साथ दिमाग की सक्रियता प्रमुख होगी।
ऋषभ पंत ने कुछ यही करते हुए 26 गेंदों पर 39 रन की पारी खेली जिसमें 7 चौके शामिल थेम यह सही तरीका भी माना जा सकता है क्योंकि आप रक्षात्मक खेलते हुए भी आउट हो जाएंगे और रन भी नहीं बनेंगे।
बल्लेबाजी के लिए ये आसान स्थितियां नहीं हैं। पिच समय-समय पर टर्न, धूल के छोटे छोटे टुकड़े निकाल रही है।