भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली दुनिया के सबसे शानदार बल्लेबाज़ों में से एक है। इस बात में कोई शक नहीं है। वर्त्तमान में वो तीनों फॉर्मेट में टीम की कप्तानी बेहतरीन तरीके से कर रहे है।
विराट कोहली टेस्ट में भारत के सबसे सफल कप्तान है लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हार के बाद लोग उनकी कप्तानी पर सवाल उठाने लग गए थे।
2017 में चैंपियन्स ट्रॉफी, 2019 में 50 ओवर वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप तीनों में ही कप्तान के तौर पर उन्हें हार झेलनी पड़ी। इन तीन टूर्नामेंट में से दो में भारत ने फाइनल में जगह बनाई थी।
ऐसे में आज हम आपको कप्तान कोहली की आईसीसी टूर्नामेंट में असफलता के पीछे क्या वज़ह है। उसी चीज के बारे में आपको आज हम बताने जा रहे है।
खराब गेंदबाज़ी
2017 की चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने पहले गेंदबाज़ी की थी लेकिन सबसे सफल गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार थे। उन्होंने 10 ओवर में 44 रन देते हुए 1 विकेट हासिल किया था।
पाकिस्तान ने उस फाइनल में 4 विकेट खो कर 338 रन स्कोर बोर्ड पर टांग दिए थे। बुमराह, अश्विन, जडेजा जैसे गेंदबाज़ों ने उस मैच में काफ़ी निराश किया।
कुछ खिलाड़ियों पर ज़्यादा डिपेंड होना
भारतीय टीम पिछले कुछ सालों से कुछ प्रमुख खिलाड़ियों पर ही ज़्यादा डिपेंडेड रहती है और जब ये खिलाड़ी नहीं चलते तो फ़िर टीम को हार मिलती है। वनडे में अक्सर टीम अपने टॉप 3 बल्लेबाजों पर ही निर्भर रहती है।
वहीं गेंदबाज़ी में जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों पर निर्भर है और इसी वज़ह से टीम इंडिया को 2017 की चैंपियंस चैंपियंस ट्रॉफी और वर्ल्ड कप 2019 में हार का सामना करना पड़ा था।
अहम मैचों में विराट कोहली का खराब रिकॉर्ड
विराट कोहली इस समय में सबसे बड़े बल्लेबाज़ कहे जाते हैं और ये लगातार अच्छे प्रदर्शन भी करते है। हालांकि पिछले तीन बड़े आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल को देखा जाए तो विराट ने निराश ही किया है।
कोहली ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 5 रन, वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफइनल में 1 रन तथा टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में वो अर्धशतक भी नहीं लगा सके थे।
संतुलित टीम का चयन ना होना
कप्तान विराट कोहली पर अहम मैचों में टीम चयन को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। इसका ताजा उदहारण हमें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में देखा। सीमिंग ट्रैक पर टीम को एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज़ या फिर तेज गेंदबाज़ी ऑलराउंडर को खिलाना चाहिए था।
वहीं विराट कोहली ने दो स्पिन गेंदबाज़ों को प्लेइंग इलेवन में खिलाया और उसका नतीजा ये हुआ की टीम को हार झेलनी पड़ी।
अहम मैचों में खराब बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन
भारत के इन महत्वपूर्ण या नॉकआउट मैचों में हार का एक कारण बल्लेबाज़ी क्रम का बिखर जाना भी है। 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में, 339 रनों का पीछा करते हुए टीम के बल्लेबाज़ों ने काफ़ी खराब प्रदर्शन किया।
2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत ने 5 रन पर 3 विकेट खो दिए थे। विराट कोहली ने बाद में बताया था कि 45 मिनट खराब क्रिकेट खेलने की वज़ह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय बल्लेबाज़ी अपनी दूसरी पारी में ताश के पत्तों की तरह बिखरती चली गयी। कई बड़े बल्लेबाज़ रन नहीं बना पाए और न्यूजीलैंड ने फाइनल में टीम इंडिया को हरा दिया।