30 दिसम्बर 2014 को भारतीय क्रिकेट एक नए युग में प्रवेश कर चुका था, जब महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद विराट कोहली के कंधों पर भारतीय टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी दी गयी।
जहां धोनी बेहद शांत थे, वहीं उसके विपरीत कोहली अपने आक्रामक अंदाज के लिए मशहूर थे। जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में कम ही देखने को मिले है।
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने टेस्ट मैचों में काफी जबरदस्त प्रदर्शन करके दिखाया है। खासकर भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की वजह से उनकी कप्तानी में चार-चाँद लग गए।
धोनी ने तो इसी चीज को लेकर आज हम आपको उन 3 चीजों के बारे में बताने जा रहे है जो विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में एम एस धोनी से बेहतर की।
3. चीजों के घटने का इंतजार ना करना
एम एस धोनी की कप्तानी की आलोचना का मुख्य कारण यही मानते थे कि, जब वह टेस्ट मैचों में चीजों के घटने का इंतजार किया करते थे, या यूं कहें वो समय लेना पसंद करते थे।
खासकर विदेशी पिचों पर जिसके कारण विपक्षी टीम को खुद को मजबूत करने का मौका मिल जाता था। वहीं विराट कोहली इससे हटकर कप्तानी करना पसंद करते थे। वो बल्लेबाजों को गलतियां करवाने पर मजबूर किया करते है।
जिससे समय बच जाता था और टीम को सकारात्मक दिशा मिलती है। विराट की फील्ड सेटिंग आक्रामक होती है, उनका ये नेतृत्व करने का तरीका इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड की परिस्थितियों के बिल्कुल अनुकूल है।
2. विदेशों में 5 गेंदबाज खिलाने की योजना
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम में तेज गेंदबाजों का महत्व काफी बढ़ गया है। वह विदेश में 5 गेंदबाजों को खिलाना पसंद करते है।
वहीं धोनी हमेशा से पार्टटाइम गेंदबाजों से 5वें गेंदबाज़ का कोटा पूरा किया करते थे। धोनी की ये योजना तब कामयाब हो गयी थी, जब भारत के पास मजबूत गेंदबाजी आक्रमण था।
लेकिन जब सीनियर गेंदबाजों ने संन्यास ले लिया तो धोनी की ये चाल सफल नहीं हो पायी। खासकर विदेशी धरती पर धोनी की असफलता का यह मुख्य कारणों में से एक था।
वहीं कोहली अपने तेज गेंदबाजों पर काफी विश्वास दिखाते हैं और उनकी कप्तानी में भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत हुआ है।
1. जीत की आदत पैदा करना
विराट कोहली ने जब से कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली है, तब से भारतीय टीम के जज्बे में काफी बदलाव देखने को मिले है। टीम हर मैच में जीत हासिल करने की ओर देखती है, जो कोहली को अलग बनाता है।
2014 में एडिलेड टेस्ट में टीम की कप्तानी विराट कोहली कर रहे थे। भारत को अंतिम दिन जीत के लिए 364 रन बनाने थे। उस समय के हालात को देखते हुए अन्य कप्तान मैच को ड्रा करवाने की सोचते।
लेकिन कोहली ने मैच में जीत दर्ज करने की बेहतरीन कोशिश की। भारत को उस मैच में 48 रन से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन कोहली ने इस मैच में 141 रन की शानदार पारी खेली थी और दिखा दिया था कि उनकी टीम किसी से कम नहीं है।
विराट कोहली की ही कप्तानी में भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में टेस्ट सीरीज में हराने में सफल रहा था और ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में वो हराने वाले एशिया के पहले कप्तान बन गए थे।
आपको बता दे कि भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 60 मैच में भारतीय टीम की कमान संभाली है, जिसमें से टीम को 27 मैच में जीत मिली है। कुल 18 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा है, जबकि 15 मैच ड्रा हुए है।
वहीं भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान कोहली ने अभी तक 66 मैच में टीम की कप्तानी की है और उनकी कप्तानी में टीम ने 39 मैच में जीत का स्वाद चखा है। वहीं टीम को 16 मैच में हार झेलनी पड़ी है जबकि 11 मैच ड्रा हो गए थे।