विराट कोहली की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों में की जाती है। साथ ही साथ इंडियन क्रिकेट में फिटनेस का महत्व उन्होंने ही समझाया है। भारतीय क्रिकेट टीम उन्हीं की वज़ह से आज दुनिया की सबसे फिट टीम मानी जाती है। वो टेस्ट क्रिकेट में भारत सफल कप्तान है।
उन्होंने टी 20 और ओडीआई में भी भारतीय टीम की कप्तानी बेहतरीन तरीके से की है। उन्होंने अपनी कप्तानी में कई ऐसे टैलेंटेड युवा खिलाड़ियों को मौका दिया है जो भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू कर चुके है।
आज हम ऐसे ही कुछ टैलेंटेड खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने कोहली की कप्तानी में डेब्यू किया है और आज अपने प्रदर्शन से हर किसी को इम्प्रेस कर रहे है।
जसप्रीत बुमराह
भारतीय तेज गेंदबाज़ी के स्तंभ जसप्रीत बुमराह ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में डेब्यू किया था लेकिन उन्होंने अपने ज़्यादातर इंटरनेशनल मैच कोहली की ही कप्तानी में खेले।
बुमराह को शुरुआत में टी-20 और वनडे स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता था और उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयोगी नहीं मानते थे। लेकिन विराट कोहली ने उन्हें टेस्ट का मौका दिया।
आज जसप्रीत बुमराह दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज में एक टेस्ट मैच में पांच विकेट लेने वाले पहले एशियाई गेंदबाज़ बन गए है।
मोहम्मद शमी
वैसे तो मोहम्मद समी ने साल 2013 में भारतीय टीम में अपना डेब्यू कर चुके थे और वह 2015 की वर्ल्ड कप टीम के भी सदस्य थे। लेकिन चोटों के कारण वो कई सीरीज़ नहीं खेल सके।
हालांकि उसके बाद उन्होंने काफ़ी मेहनत करते हुए 2019 के वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया में अपनी जगह दोबारा बनाई। 2019 के वर्ल्ड कप में शमी ने 4 मैचों में 13.78 के औसत से 14 विकेट अपने नाम किये।
शमी के उतार-चढ़ाव से भरी उनकी जर्नी में कप्तान कोहली ने उनका भरपूर साथ दिया। आज उसी का रिजल्ट है कि शमी तीनों फॉर्मेट में भारत के मुख्य गेंदबाज़ बनकर उभरे है।
मोहम्मद सिराज
इस साल जनवरी की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सिराज ने कमाल का प्रदर्शन करके दिखाया। जहां उन्होंने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में 5 बल्लेबाज़ों को पवेलियन का रास्ता दिखाया था।
सिराज ने अब तक अपने करियर में 9 टेस्ट मैच खेले हैं और 29.40 के औसत से 30 विकेट चटकाए है। आईपीएल-2021 में भी अब तक उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया था।
जहां उन्होंने 15 मैचों में 6.78 के बेहतरीन इकॉनमी से 11 बल्लेबाज़ों को आउट किया था। अपनी इस अपार सफलता का श्रेय वो कप्तान कोहली को ही देते है क्योंकि उन्होंने ही उन पर इतना विश्वास जताया और मोटिवेट किया है।
युजवेंद्र चहल
युजवेंद्र चहल को ने साल 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई थी। चहल ने 2014 में विराट कोहली की कप्तानी में आरसीबी के लिए 2014 में डेब्यू किया था और सभी को अपने प्रदर्शन से इम्प्रेस कर दिया था।
इसी कारण उन्होंने भारतीय टीम जगह बनाई। चहल भी अपने इंटरनेशनल करियर का श्रेय विराट कोहली को ही देते है। चहल ने आईपीएल में अभी तक आईपीएल में 114 मैच खेले है और 7.59 के इकॉनमी के साथ 139 विकेट लिए है।
साल 2017 से 2019 के दौरान चहल ने कुलदीप यादव के साथ मिलकर भारतीय टीम के लिए काफी विकेट लिए। हालांकि, कुलदीप अब भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है लेकिन चहल अपनी टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे।
हालांकि वो 2021 के टी 20 वर्ल्ड कप में अपनी जगह नहीं बना पाए। उनकी जगह राहुल चाहर को टीम में शामिल किया गया है। हालांकि मैनेजमेंट का कहना था कि चहल की जगह चाहर को चुनना मुश्किल फैसला था।
देवदत्त पडिक्कल
देवदत्त पडिक्कल भारत के आने वाले समय के स्टार है और उन्होंने वह घरेलू स्तर पर कर्नाटक के लिए काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया है।
आईपीएल-2020 की नीलामी से पहले इस बल्लेबाज़ ने काफ़ी बेहतरीन प्रदर्शन किया जिसके कारण उन्हें उनके बेस प्राइस 20 लाख में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने अपनी टीम में शामिल लिया था।
कप्तान कोहली ने उन पर भरोसा दिखाते हुए आरसीबी के हर मैच में प्लेइंग 11 में सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर खिलाया। पडिक्कल भी कोहली की उम्मीदों पर खरे उतरे और आईपीएल-2020 में उन्होंने 15 मैचों में 124.80 के स्ट्राइक रेट के साथ 473 रन ठोंके।
आईपीएल-2021 के पहले चरण में उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ 52 गेंदों में शतक जमाया। वो भारतीय टीम के लिए भी 2 टी 20 खेल चुके हैं।