एक सामान्य व्यक्ति और एक हीरो में क्या अंतर है? हीरो वो होते है जिसे देखकर लोग इंस्पायर होते है लेकिन इनके अलावा हीरो वह भी होता है जो अपना काम पूरी ईमानदारी से करता है। यह क्रिकेट के खेल के लिए भी होता है।
जबकि खिलाड़ियों के लिए प्रदर्शन के लिहाज से शानदार प्रदर्शन करना जरुरी है। एक सच्चे रोल मॉडल के रूप में पहचाने जाने के लिए खेल की भावना से चिपके रहना भी उतना ही जरुरी है।
क्रिकेट की दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कुछ खिलाड़ियों ने मैच की स्थिति पर उनके फैसलों के प्रभाव से ज्यादा क्रिकेट की भावना को महत्व दिया। तो आज हम आपको ऐसे ही 5 यादगार घटनाओं के बारे में बताने जा रहे है।
1. नॉट आउट दिए जाने के बावजूद पवेलियन की ओर लौट गए गिलक्रिस्ट
क्रिकेट में अन्य मैचों की तुलना में वर्ल्ड कप के मैच ज्यादा महत्वपूर्ण होते है। एक बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में एडम गिलक्रिस्ट ने क्रिकेट की भावना को बनाये रखा था।
श्रीलंका के खिलाफ हुए उस मैच में केवल 20 गेंदों में 22 रन बनाए। उस मैच में अरविंद डी सिल्वा की गेंद गिलक्रिस्ट के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर कुमार संगाकारा के दस्तानों में चली गयी थी।
उस मैच में अंपायरिंग कर रहे रूडी कर्टज़ेन ने उन्हें नॉट आउट दिया था। वहीं एडम गिलक्रिस्ट को पता था कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर गयी है क्रीज छोड़कर चले गए।
2. सचिन तेंदुलकर 2011 वर्ल्ड कप में जब क्रीज छोड़कर चले गए थे
सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के सबसे महान रोल मॉडल में से एक है। एक शानदार बल्लेबाज होने के अलावा, वह ऐसे व्यक्ति भी थे जिन्होंने अपने पूरे करियर में खेल की भावना को बरकरार रखा।
इसकी झलक उन्होंने भारत के 2011 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ दिखाया।
वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज रवि रामपॉल की एक गेंद उनके ग्लव्स से टकराकर कीपर के हाथों में चली गयी। अंपायर थोड़ा कन्फ्यूज थे लेकिन सचिन अंपायरों के फैसला लेने से पहले ही क्रीज छोड़कर चले गए।
3. एमएस धोनी ने इयान बेल को बुलाया वापस
भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान एमएस धोनी ने भारत-इंग्लैंड के बीच में हुए एक टेस्ट मैच में सभी का दिल जीत लिया था।
2011 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में क्रीज से बाहर आ गए थे उन्हें लगा कि गेंद डेड बॉल है लेकिन गेंद ठीक थी इतनी देर में ही फील्डर ने उन्हें आउट कर दिया।
बेल क्रीज छोड़कर जानें लगे थे लेकिन तभी धोनी ने उन्हें वापस बुलाया और सभी क्रिकेट फैंस को अपना दीवाना बना लिया था।
4. एंड्रू स्ट्रॉस ने एंजेलो मैथ्यूज को वापस बुलाया
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी एंड्रू स्ट्रॉस ने कप्तान के तौर पर भी बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखाया है और ऐसा ही बेहतरीन कप्तानी का प्रदर्शन उन्होंने 2009 में दक्षिण अफ्रीका में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में दिखाया था।
इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच श्रीलंकाई बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज एक रन के लिए भाग रहे थे, जब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ग्राहम ओनियंस उनसे टकरा गए और विकेटकीपर मैट प्रायर ने स्थिति का फायदा उठाते हुए मैथ्यूज को रन आउट कर दिया।
बल्लेबाज ने पहले तो नाराजगी जताई लेकिन धीरे-धीरे पवेलियन की ओर बढ़ने लगे। स्ट्रॉस अंपायरों के पास गए और उनके साथ चर्चा के बाद एंजेलो को वापस बुलाने के लिए कहा और वे सहमत हो गए। इस फैसले को लेने के लिए उनकी काफी तारीफ की गयी थी।
5. डेनियल विटोरी का अवार्ड विनिंग जेस्चर
वर्ष 2011 में खेले गए एक टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे के खिलाफ कीवी स्पिनर डेनियल विटोरी के बेहतरीन जेस्चर ने उन्हें 2012 में आईसीसी स्पिरिट ऑफ क्रिकेट का अवार्ड जितवा दिया।
जिम्बाब्वे के बल्लेबाज रेजिस चकाब्वा को गेंदबाजी करते हुए, विटोरी गलती से नॉन-स्ट्राइकर मैल्कम वालर से टकरा गए, जिससे वो रन नहीं ले पाए जबकि चकाब्वा आधी क्रीज पर आ गए थे।
फील्डर ने थ्रो किया और विकेटकीपर ने उन्हें रन आउट कर दिया। तब विटोरी ने अंपायर से बात करके कहा चकाब्वा को नॉट आउट करवा दिया था।