एशिया इलेवन (एशिया के टॉप खिलाड़ियों से मिलकर) को एफ्रो-एशियन कप के लिए अफ्रीकी इलेवन के खिलाफ खेले हुए 15 साल बीत चुके हैं। उस सीरीज के बाद से एफ्रो-एशियन कप नहीं हुआ है।
बांग्लादेश में एशिया इलेवन और वर्ल्ड इलेवन के बीच 18-21 मार्च 2020 के बीच मैच खेले जानें थे लेकिन महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद से यह दोबारा नहीं हो पायी है।
भारत के 8 खिलाड़ी एशिया को रिप्रेजेंट कर चुके हैं। उनमें से ज्यादतर ने अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है।
पहले एफ्रो-एशियन कप में, जहीर खान ने तीन वनडे मैचों में 9 विकेट लिए थे जबकि एमएस धोनी और सहवाग कप ने दूसरे एडिशन में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया था।
इस कप में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर चोटों के कारण कभी खेल नहीं पाए है। तो आज हम आपको उन 5 भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने एशिया इलेवन को रिप्रेजेंट किया है।
5. जहीर खान
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल बाएं हाथ के तेज गेंदबाज, एशिया इलेवन के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं, जिन्होंने 6 पारियों में 4.23 की इकॉनमी रेट से 13 विकेट लिए हैं।
जहीर खान के इंटरनेशनल करियर की बात की जाए तो उन्होंने तीनों फॉर्मेट में कुल मिलाकर 309 मैच खेले है और 610 विकेट लिए है। उन्होंने अपने करियर में कई बार मैच जिताऊ प्रदर्शन किया है।
4. युवराज सिंह
युवी ने 2007 एफ्रो-एशियन कप के तीनों मैचों में हिस्सा लिया। उन्होंने उन 3 मैचों में 117.94 के स्ट्राइक रेट से 92 रन बनाए और गेंदबाजी करते हुए 1 विकेट अपने नाम किया।
इस कप में उनका हाईएस्ट स्कोर तीसरे वनडे मैच में आया। इस मैच में उन्होंने 35 गेंद में 31 रन बनाये। वहीं उन्होंने एक ओवर गेंदबाजी की जिसमें उन्होंने 10 रन खर्च किये थे और विकेट नहीं ले पाए थे।
3. सौरव गांगुली
प्रिंस ऑफ कोलकाता सौरव गांगुली भी इस लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाने में सफल हो गए है। 2007 के एडिशन में उन्होंने तीनों मैच खेले और 78 के स्ट्राइक रेट से 142 रन बनाए।
सीरीज का उनका बेस्ट प्रदर्शन दूसरे मैच में आया जहां उन्होंने 112 गेंदों में 88 रन की पारी खेली। उन्होंने इस पारी में 9 चौके और एक छक्का लगाया। यकीनन यह उनकी आखिरी बेहतरीन पारी थी।
इसके बाद उन्हें नवंबर 2007 में ओडीआई टीम से बाहर कर दिया गया था और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से एक साल बाद संन्यास की घोषणा कर दी।
2. एमएस धोनी
चूंकि यह टूर्नामेंट 2007 टी20 वर्ल्ड कप से पहले हुआ था, इसलिए दुनिया को एमएस धोनी के बारे में ज्यादा पता नहीं था। सीरीज के पहले गेम में वह सिर्फ 2 रन बनाकर रन आउट हो गए थे। दूसरे मैच में उन्होंने 38 गेंदों में दो छक्कों सहित 33 रन की पारी खेली।
उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ शतकों में से एक आखिरी मैच में आया जब उन्होंने 97 गेंदों पर 139 रन की शानदार पारी खेलते हुए अफ्रीकी गेंदबाजी लाइन-अप की लय बिगाड़ दी थी।
अपनी इस बेहतरीन पारी में उन्होंने 15 चौके और 5 छक्के लगाये। वह एशिया इलेवन के लिए शतक बनाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। उनकी इस पारी की मदद से एशिया इलेवन ने 3-0 से सीरीज अपने नाम कर ली थी।
1. वीरेंद्र सहवाग
इस लिस्ट में टॉप पर वीरेंद्र सहवाग का नाम शामिल है। वो एशिया इलेवन के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामलें में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने 7 मैचों में 103 के स्ट्राइक रेट की मदद से 214 रन बनाये है।
वीरेंद्र सहवाग ने 2007 के एडिशन की शुरुआत बेंगलुरू में सिर्फ 42 गेंदों में 45 रन की तेज पारी खेलकर की। दूसरे मैच में उन्होंने 38 गेंदों में 52 रनों की शानदार पारी खेली थी।
उन्होंने एशिया इलेवन के लिए 12 ओवर गेंदबाजी भी की है और 6.91 की इकॉनमी रेट से एक बल्लेबाज को पवेलियन की राह दिखाने में कामयाबी हासिल की है।