पहला टेस्ट मैच 1877 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। यदि 1970 दक्षिण अफ्रीका को क्रिकेट से बैन करने के लिए मशहूर था, तो 1971 एक ऐतिहासिक साल था।
उसी साल पहला वनडे मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। ब्रैडमैन से लेकर हरभजन और हॉब्स से लेकर जॉनसन तक, हमने टेस्ट और वनडे दोनों में, कई क्रिकेट रिकॉर्ड सालों से टूटते हुए देखे है।
लेकिन कुछ रिकार्ड्स का टूटना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है। तो इसी चीज को लेकर आज हम आपको क्रिकेट वर्ल्ड के पांच ऐसे रिकार्ड्स के बारे में बताने जा रहे है जो शायद कभी नहीं टूटेंगे।
5. सर जैक हॉब्स के 199 शतक
कोई भी बल्लेबाज हर दिन शतक नहीं बना सकता है। आज भी शतक लगाना बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। तो सोचिए 199 शतक बनाना कितना कठिन रहा होगा।
एक खिलाड़ी ने वास्तव में इतने शतक बनाए है और यह खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर नहीं है। यह इंग्लैंड के महान क्रिकेटर सर जॉन बेरी “जैक” हॉब्स हैं।
हॉब्स के 199 शतक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आए लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के लिए 18 टेस्ट शतक भी लगाए है। उनकी टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ पारी 1924 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आयी थी।
उस मैच में उन्होंने 211 रन की पारी खेली थी। एक और चीज जिसके लिए वह मशहूर हैं, वह उनकी हर्बर्ट सटक्लिफ के साथ सलामी साझेदारी होना है। इन दोनों की जोड़ी सबसे सफल सलामी जोड़ियों में से एक थी।
हॉब्स और सटक्लिफ ने टेस्ट में 38 बार पारी की शुरुआत की। इस दौरान इन दोनों ने 15 शतकीय साझेदारियां निभाई और 87.81 के औसत से 3,249 रन जोड़े। जो किसी सलामी बल्लेबाज की जोड़ी के लिए टेस्ट में अब तक का सर्वाधिक है।
4. विल्फ्रेड रोड्स 52 साल की उम्र में हुए रिटायर
इस समय क्रिकेट में जहां फील्डिंग बहुत मायने रखती है और 40 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ियों को आम तौर पर नहीं चुना जाता है।
(ब्रैड हॉग और मिस्बाह-उल-हक, हफ़ीज़ जैसे खिलाड़ी 40 साल से ज्यादा के उम्र के थे ) ऐसे में 52 साल की उम्र तक खेलना पूरी तरह से असंभव लगता है।
लेकिन इंग्लैंड के विल्फ्रेड रोड्स ने ऐसा ही किया और आज तक वह टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट 52 साल की उम्र में खेला था।
अगर आप सचिन तेंदुलकर के करियर को लंबा कहते है तो रोड्स का करियर 30 साल तक चला था। इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना बहुत मुश्किल है।
क्योंकि आज फिटनेस के स्तर को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है और किसी भी खिलाड़ी के लिए 52 साल की उम्र में अपनी फिटनेस बनाए रखना बहुत कठिन होगा।
3. सचिन तेंदुलकर के 100 इंटरनेशनल शतक
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर सचिन तेंदुलकर मौजूद है। कई लोग कह सकते हैं कि उन्हें इस लिस्ट में ऊपर होना चाहिए। मौजूदा स्थिति में टॉप के दो रिकॉर्ड तोड़ना बहुत ज्यादा मुश्किल है।
वहीं तेंदुलकर के 100 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ जा सकता है। आज के समय में बल्लेबाज गेंदबाजों पर ज्यादा हावी हो जाते है। सचिन के इस रिकॉर्ड को भी तोड़ना बहुत मुश्किल है।
इतने लंबे समय तक खेलना और इतने शतक बनाना एक ऐसी चीज है जिसका ज्यादातर सिर्फ सपना ही देख सकते हैं। लेकिन सचिन ने ऐसा करके दिखाया। उन्होंने लंबे समय तक विपक्षी गेंदबाजी की जमकर धुनाई की जोकि बेहतरीन है।
2. जिम लेकर ने एक टेस्ट मैच में लिए 90 रन देकर 19 विकेट
साल 1956 में इंग्लैंड ने आखिरकार अपने प्रबल विरोधी ऑस्ट्रेलिया पर बढ़त बना ली थी। 1956 में खेले गए उस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम को जिम लेकर ने ही आउट कर दिया था।
जिम लेकर ने अपनी ऑफ स्पिन से बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया। ऑस्ट्रेलियाई स्पिन के खिलाफ कमजोर नजर आते है।
लेकर ने उस टेस्ट मैच की पहली पारी में 9 बल्लेबाजों को आउट किया और दूसरी पारी में सभी 10 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। एक टेस्ट में इतने विकेट लेना बहुत मुश्किल है।
1. सर डॉन ब्रैडमैन का औसत 99.94
इस लिस्ट में सर डॉन ब्रैडमैन का नाम टॉप पर है। उन्हें हमेशा उनके शानदार बल्लेबाजी औसत के लिए याद किया जाएगा। ब्रैडमैन ने अपने करियर में 52 टेस्ट में 99.94 के बेहतरीन औसत के साथ 6996 रन बनाये है।
इस दौरान उन्होंने 29 शतक और 13 अर्धशतक लगाए है। यह एक ऐसा चौंका देने वाला आंकड़ा है जिसके करीब कोई नहीं आया है।
इतना बड़ा बल्लेबाज टेस्ट करियर की अपनी आखिरी पारी में शून्य पर आउट हो गया था। नहीं तो औसत इससे और बेहतर होता।