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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में भारत की हार के 4 बड़े कारण

Utkarsh Mishra by Utkarsh Mishra
January 19, 2022
in Feature
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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में भारत की हार के 4 बड़े कारण

रस्सी वैन डेर डूसन और टेम्बा बावुमा ने शतक लगाकर दक्षिण अफ्रीका को पार्ल में पहले वनडे में 4 विकेट पर 296 रन बनाकर बल्लेबाजी करने में मदद की।

इस जोड़ी ने सुस्त सतह पर चौथे विकेट के लिए 204 रन जोड़े और साथ ही भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे ज्यादा चौथे विकेट की साझेदारी भी की।

एक बार जब सिक्का बावुमा के पक्ष में गिर गया, तो दक्षिण अफ्रीका के जानेमन मलान को जल्द पवेलियन भेजकर बुमराह ने भारत को एक शानदार शुरुआत दी।

सलामी बल्लेबाज 6 रन बनाकर विकेट पीछे पकड़ा गया। इस तरह बुमराह ने मैनचेस्टर में भारत और न्यूजीलैंड के बीच 2019 विश्व कप सेमीफाइनल मुकाबले के बाद से पावरप्ले में अपना पहला विकेट हासिल किया।

क्विंटन डी कॉक ने 41 में से 27 रन बनाए और अश्विन की गेंद पर बोल्ड हो गए जबकि एडेन मार्कराम 3 रन पर रन आउट हुए। 3 विकेट सिर्फ 68 रन पर गिराकर, ऐसा लग रहा था कि भारत आगे भी शिकंजा कसने में सक्षम होगा।

लेकिन उन्हें बावुमा के डिफेंस के सामने कठिनाई का सामना करना पड़ा। वैन डेर डूसन ने लचर गेंदबाजी कर रहे चहल को निशाना बनाया और उनके लगभग हर ओवर में चौके जड़े।

4. युजवेंद्र चहल का नए बल्लेबाजो के खिलाफ रन लुटाकर दबाव खत्म करना

आर अश्विन जम चुके डी कॉक का विकेट लेने के साथ दबाव बनाए रखने में सफल रहे। लेकिन भारत को युजवेंद्र चहल की लचर गेंदबाजी महंगी पड़ रही थी।

लेग स्पिनर ने नए बल्लेबाजों के सामने हर ओवर में 4 अच्छी गेंदे फेंकी, पर खासकर डूसन को उसने हर ओवर में 2 ढीली गेंदें फेंकी और चौके खाये। लेग स्टंप पर मारने वाली गेंदे फेक कर चहल ने जल्दी ही दबाव कम कर दिया।

3. ऋषभ पंत की खराब कीपिंग

ऋषभ पंत इस मैच में भी अपने वनडे करियर के ज्यादातर मैचों की तरह फेल रहे। उन्होंने कीपिंग में अश्विन की गेंद पर डूसन का आसान कैच छोड़ दिया। इस समय तक डूसन जमें नहीं थे और 100 रन के अंदर 4 विकेट गिरने से दक्षिण अफ्रीका टूट जाती।

अश्विन की कैरम गेंद ने डूसन के बल्ले का किनारा ले लिया और हमारे कीपर साहब इसे पकड़ने में नाकाम रहे। मुसकुराते हुए यह कैच छोड़ कर उन्होंने सुनिश्चित किया कि दक्षिण अफ्रीका तेज गति से आगे बढ़ा।

बावुमा की पारी इतनी धीमी थी कि उससे भारत को ज्यादा नुकसान नहीं होता पर डूसन ने भारत की हालत पतली कर दी।दक्षिण अफ्रीका ने अंतिम पांच ओवर में 51 रन बनाए।

बावुमा ने पहले शतक बनाया 133 गेंदों में, जबकि वैन डेर डूसन ने 83 गेंदों में 4 वें में यह मील का पत्थर हासिल किया। अश्विन किफायती थे और बुमराह ने केएल राहुल को कुछ नियंत्रण दिया।

शार्दुल ठाकुर अंतिम ओवर में सब कुछ सही नहीं कर सके और रन लुटा बैठे। शुरू में अच्छी गेंदबाजी करने वाले भुवनेश्वर कुमार भी मेजबान बल्लेबाजों को चुनौती देने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

2. फेल मध्यक्रम

भारत का मध्यक्रम पूरी तरह फ्लॉप रहा। धवन और कोहली के अच्छा मंच प्रदान करने के बावजूद आगे के बल्लेबाज ताश के पत्तो की तरह ढह गए।

4,5 और 6 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए पंत, श्रेयस अय्यर और आईपीएल के आधे सीजन के दम पर भारतीय टीम में सूर्यकुमार यादव से पहले खेल रहे वेंकटेश पूरी तरह फेल रहे।

1. बेहद खराब कप्तानी

केएल राहुल की कप्तानी में पंजाब किंग्स ने कई बार जीते हुए मैच भी हारे और यह आज पता चल गया कि क्यों। 68-3 से दक्षिण अफ्रीका के 296-4 तक पहुंचने का कारण यह भी रहा कि गेंदबाजो का सही से इस्तेमाल नहीं हुआ।

बुमराह के ज्यादातर ओवर काफी पहले ही खत्म करके उन्होंने अश्विन, शार्दुल और भुवी से डेथ ओवरों में गेंदबाजी कराई। पर यह पैंतरा उल्टा पड़ गया और डेथ ओवरों में भुवी और शार्दुल को मार पड़ी।

उन्होंने वेंकटेश अय्यर को सूर्यकुमार यादव की जगह मौका दिया। अगर वेंकटेश ऑलराउंडर हैं तो उन्होंने 30 ओवरों और 204 रन जोड़ने तक विकेट न मिलने पर भी एक भी ओवर गेंदबाजी क्यों नही की।

अगर उन्हें बल्लेबाज के तौर पर खिलाया गया तो क्या वह अनुभवी और लगातर अच्छा प्रदर्शन करने वाले सूर्यकुमार यादव से बेहतर बल्लेबाज हैं ?

यही नहीं बल्लेबाजी क्रम में आक्रामक बल्लेबाजी करने ऋषभ पंत को ऊपर भेजना और संयमित बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को नीचे भेजना समझ से परे था। श्रेयस इससे पहले तक खुद केएल राहुल से ऊपर नंबर चार पर ही खेलते थे। (जब विकेटकीपर राहुल नंम्बर 5 पर खेलते थे)

उन्होंने उस स्थान पर 8 अर्धशतक और 1 शतक मात्र 27 मैचों में लगाये हैं। उन्होंने न्यूज़ीलैंड में भी इसी क्रम पर शानदार प्रदर्शन किया था और बहुत समय से चली आ रही नंम्बर 4 की समस्या को सुलझाया था।

इससे पहले पंत, राहुल, रायडू तक इस स्थान पर खेल चुके थे और कुछ बात नहीं बनी थी। बैटिंग क्रम में ये हेरफेर जब टीम को 6 रन प्रति ओवर ही बनाने थे किसी के समझ मे नहीं आया।

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