मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच में वानखेड़े स्टेडियम में खेले जा रहे मैच में आज बहुत विवादित वाकया देखने को मिला।
दरअसल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में बिजली चली जाने के कारण चेन्नई सुपर किंग्स को शुरू में ही बहुत बड़ा झटका लगा।
दरअसल मैच की दूसरी गेंद पर डेनियल सैम्स ने सीएसके के बल्लेबाज डिवॉन कॉनवे को लेग स्टंप पर गेंद फेंकी।
यह गेंद एंगल होकर कॉनवे के पैड पर लगी और यह साफ दिख रहा था कि या लेग स्टंप से कम से कम आधे फ़ीट दूर जा रही थी।
यही नहीं गेंद में काफी ऊंचाई भी थी लेकिन जैसे कि आईपीएल में अब तक होता रहा है, अंपायर ने एक और गलत फैसला दिया।
इस फैसले को देखकर कोई भी कह सकता था कि इसको तो अंधा भी आउट नहीं देता। खैर बल्लेबाजों के पास डीआरएस होता है और कॉनवे ने डीआरएस की मांग की।
अब सबसे बड़ा ट्विस्ट यह आया कि अंपायर ने कॉनवे को रिव्यू नहीं लेने दिया। यह इसलिए मैदान में बिजली नहीं है और जब तक बिजली नहीं आएगी रिव्यू नहीं मिलेगा।
सवाल आईपीएल के प्रबंधन पर भी उठता है कि अगर डीआरएस टूर्नामेंट में अवेलेबल है तो यह बिजली के ऊपर क्यों निर्भर करता है।
अगर बिजली नहीं है तो जिस तरह से लाइव ब्रॉडकास्ट किया जा रहा है उसी तरह से डीआरएस भी क्यों नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है।
यह बेहद शर्मनाक घटना कही जा सकती है कि हजारों करोड़ रुपए की कमाई होने के बावजूद बिजली ना होने के कारण एक बल्लेबाज के साथ इतनी बड़ी नाइंसाफी हुई।
चेन्नई को यह मैं जीतना बेहद अहम है और मुंबई के प्रशंसक भी इस बात से सहमत होंगे कि बल्लेबाज को डीआरएस मिलना चाहिए था।
आईपीएल में वैसे भी इस बार अंपायरिंग का स्तर इतना गिरा हुआ है कि इसके आगे गली क्रिकेट के अंपायर बेहतर नजर आते हैं।
हो सकता है कि टॉस के पहले दोनों टीमों को इस मैच में डीआरएस अवेलेबल ना होने के बारे में बताया गया हो पर अब तक की घटिया अंपायरिंग को देखते हुए यह अच्छा नहीं है।
बात करें मुंबई इंडियंस की तो उन्होंने आज किरॉन पोलार्ड को बाहर करके दक्षिण अफ्रीका के युवा खिलाड़ी ट्रिस्टन को मौका दिया है।
चेन्नई को जल्दी दूसरा झटका भी लगा जब 2 रन के स्कोर पर मोईन अली भी शून्य पर आउट होकर चलते बने। चेन्नई पहले ओवर में दो विकेट गवां चुकी थी।