मुंबई, 29 अप्रैल: अपने तेज गेंदबाजों के अंतहीन संघर्ष से निराश होकर, मुंबई इंडियंस ने अनुभवी धवल कुलकर्णी को टीम में लाया है, जिन्हें ट्रेनिंग सत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने पर शेष आईपीएल 2022 मैचों के लिए चुना जा सकता है।
पीटीआई के आईपीएल सूत्रों के अनुसार, 33 वर्षीय दाएं हाथ का तेज गेंदबाज टीम के बबल में शामिल हो गया है और जल्द ही प्रशिक्षण शुरू करेगा।
पांच बार के चैंपियन से दुबारा जुड़ने से पहले कुलकर्णी आधिकारिक प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स की कमेंट्री टीम का हिस्सा थे।
मुंबई के सबसे भरोसेमंद तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने आठ मैचों में 229 रन दिए हैं और सिर्फ पांच विकेट लेने में सफल रहे हैं।
अन्य तेज गेंदबाजों ने भी इस सीजन में बुरी तरह संघर्ष किया है। विकेट निकालने से वह दूर ही रहे साथ ही साथ उनको मार भी पड़ी।
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट (पांच मैचों में छह विकेट और 190 रन दिए) और डेनियल सैम्स (पांच मैचों में छह विकेट और 209 रन दिए) का प्रदर्शन काफी साधारण रहा है।
उनादकट को दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मैच में चुनौती दी, जब वह 17 रन का बचाव करने में विफल रहे।
तेज गेंदबाज टायमल मिल्स (पांच मैचों में छह विकेट और 190 रन दिए) और बसिल थम्पी (पांच मैचों में पांच विकेट और 152 रन दिए) ने भी साधारण प्रदर्शन ही किया है।
रिले मेरेडिथ को भी दो मैचों में इस्तेमाल किया गया था, लेकिन उन्होंने 65 रन दिए और सिर्फ तीन विकेट लिए।मुंबई रणजी ट्रॉफी के नियमित सदस्य कुलकर्णी को आईपीएल खेलने का भी अनुभव है।
2008 में पदार्पण करने के बाद उन्होंने 92 मैचों में भाग लिया और 86 विकेट लिए। कुलकर्णी कुछ मैचों में भारतीय सीमित ओवरों की टीम का भी हिस्सा बने हैं।
कुलकर्णी ज्यादातर राजस्थान रॉयल्स के लिए खेले। इसके बाद उन्होंने मुंबई इंडियंस और ‘गुजरात लायंस’ के लिए भी कई मैच खेले हैं।
मुंबई को इस टूर्नामेंट में कुछ खास उम्मीद नहीं बची है वह ऑलरेडी टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है ऐसे में धवल कुलकर्णी को लाना बहुत ज्यादा प्रभाव तो नहीं डाल पाएगा।
हालांकि इससे यह फायदा जरूर होगा कि जसप्रीत बुमराह का साथ देने के लिए मुंबई के पास अब थंपी और उनादकट के अलावा भी विकल्प होने वाला है।
मुंबई की टीम के अगर खिलाड़ी फॉर्म में आ जाते हैं, तो वह शीर्ष पर चल रही कई टीमों के समीकरण बिगाड़ सकती है। और तीसरे और चौथे नंबर पर चल रही टीमों की उम्मीदों को झटका दे सकती है।
कमेंट्री पैनल में इस साल सुरेश रैना पीयूष चावला और कुलकर्णी ऐसे खिलाड़ी थे जिनको नीलामी में किसी ने नहीं खरीदा था। रैना को लेकर लोगों की उम्मीदें थी पर कुलकर्णी को पहले मौका मिला