दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टी20 स्पिनर राशिद खान को स्लॉग स्वीप पर छक्का लगाना हो या दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में से एकलॉकी फर्ग्यूसन के खिलाफ 22 साल के आयुष बदोनी ने शॉट खेले।
लखनऊ के इस बल्लेबाज ने गुजरात के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में ही 41 गेंद में 4 चौके और 3 छक्के की बदौलत 54 रन की बेहतरीन पारी खेली और सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे।
बदोनी को लखनऊ सुपर जायंट्स ने फरवरी में हुई मेगा नीलामी में 20 लाख में खरीदा था। ऐसा कहा जा रहा है कि गौतम गंभीर जो टीम के मेंटर है वो इस युवा बल्लेबाज को अपनी टीम में शामिल करना चाहते थे और वो कामयाब भी रहे।
गंभीर और एलएसजी युवा खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल करके खुश थे और उन्हें वानखेड़े में गुजरात टाइटंस के खिलाफ पहले मैच की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया।
आयुष जब गुजरात के खिलाफ बल्लेबाजी करने आये तब टीम का स्कोर 4 विकेट खोकर 29 रन था और स्ट्रगल कर रहा था।
उसके बाद बदोनी ने दीपक हुड्डा के साथ 68 गेंदों में 87 रनों की साझेदारी की और लखनऊ को मैच में वापस लेकर आये। हुड्डा ने बेहतरीन 54 रन की अर्धशतकीय पारी खेली।
अब जब आयुष बदोनी हर किसी की नजरों में आ गए है तो आज हम आपको उनके बारे में बताएंगे कि कैसे उन्होंने यहाँ तक का सफर तय किया
आयुष दिल्ली के प्रसिद्ध सॉनेट क्रिकेट क्लब से खेलते है, जिसकी स्थापना महान कोच स्वर्गीय तारक सिन्हा ने की थी।
क्लब ने मनोज प्रभाकर, आकाश चोपड़ा, आशीष नेहरा, शिखर धवन, ऋषभ पंत, आदि जैसे भारत के कुछ टॉप डोमेस्टिक और इंटरनेशनल क्रिकेटरों को प्रोड्यूस किया है।
यह युवा बल्लेबाज भी उन खिलाड़ियों की तरह सफलता पाने की उम्मीद में लगा हुआ है। बदोनी के लखनऊ सुपर जाइंट्स में चयन का श्रेय गौतम गंभीर को जाना चाहिए, क्योंकि युवा खिलाड़ी ने फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेला है।
वहीं दिल्ली के लिए अब तक उन्होंने केवल 5 घरेलू टी20 मैच खेले है जिसमें से उन्हें केवल एक मैच में बल्लेबाजी करने का मौका मिला है और उस मैच में उन्होंने 8 रन बनाये थे।
आयुष 2018 एशिया कप विजेता अंडर-19 टीम का हिस्सा थे। उन्होंने श्रीलंका के फाइनल में सिर्फ 28 गेंदों में 52* रन की शानदार पारी खेली थी और उस भारत को खिताब जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि उनके टैलेंट और पोटेंशियल को जानने के बावजूद उन्हें तीन साल तक दिल्ली की डोमेस्टिक टीम के लिए नहीं चुना गया था।
आयुष को जब सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2021 के लिए दिल्ली की प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका मिला। हालांकि उन्हें निचले क्रम में भेज दिया गया।
इसी कारण उन्हें 5 मैचों में से 4 में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला और अपने आखिरी मैच में उन्होंने 8 रन बनाए।
अब जब उन्होंने अपने आईपीएल डेब्यू पर बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखाया है तो उन्हें अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए डोमेस्टिक टीम में ज्यादा मौके मिलेंगे।