राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल में अपने सफर की शानदार शुरुआत की थी। उन्होंने 2008 के पहले सीजन को स्वर्गीय शेन वार्न की कप्तानी में अपने नाम कर लिया था।
उस समय आरआर की टीम में ज्यादा बड़े नाम नहीं थे लेकिन शेन वॉटसन, युसूफ पठान और सोहेल तनवीर ने बेहतरीन प्रदर्शन कर राजस्थान को आईपीएल जीतने वाली पहली टीम बनने में अहम भूमिका निभाई।
अफसोस की बात है कि पहले सीजन में शानदार प्रदर्शन करने के बाद राजस्थान के प्रदर्शन में गिरावट आती चली गयी। 2008 का खिताब जीतने के बाद से टीम ने 2013, 2015 और 2018 के प्लेऑफ में जगह बनाई है।
2016 और 2017 में उन पर बैन लग गया था। वहीं 2019 से लेकर 2021 तक वो अंकतालिका में निचले स्थानों पर ही रहे है। राजस्थान को एक फ्रेंचाइजी के रूप में जाना जाता है जो अक्सर गलत खिलाड़ियों पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च करती है।
तो इसी चीज को लेकर आज हम आपको पिछले कुछ सालों में आरआर द्वारा खरीदे गए 5 सबसे खराब खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है।
5. क्रिस मॉरिस
इसी के साथ वो आईपीएल के इतिहास में सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी बन गए थे। मॉरिस से राजस्थान ने बल्ले और गेंद से जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद की थी।
वो वैसा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हो पाए और राजस्थान को उन्हें इतने महंगे में खरीदना बेकार चला गया। इस साल की शुरुआत में इस ऑलराउंडर ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है।
आईपीएल 2021 में उन्होंने 11 मैच खेले है और 136.73 की स्ट्राइक रेट के साथ मात्र 67 रन बनाये है। एक बार उन्होंने दिल्ली के खिलाफ 18 गेंदों में नाबाद 36 रन की पारी खेली थी।
वहीं गेंदबाजी में भी क्रिस मॉरिस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। उन्होंने 9.17 के खराब इकॉनमी रेट की मदद से 15 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया, अधिकतर विकेट डेथ ओवरों में आये।
4. जयदेव उनादकट
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने आईपीएल 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 12 मैचों में 24 विकेट लिए थे। उनके इसी प्रदर्शन को देखते हुए आरआर ने उन्हें 2018 में 11.5 करोड़ में खरीदा था।
हालांकि उनादकट का वो सीजन काफी खराब गया था। उस सीजन में उन्होंने 15 मैचों में 9.65 की इकॉनमी रेट से केवल 11 विकेट ही लिए थे। इसके बाद फ्रेंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया था।
वहीं सभी को हैरान करते हुए आरआर ने 2019 की नीलामी में उनादकट को फिर 8.4 करोड़ की बड़ी रकम में अपने साथ दोबारा जोड़ लिया। यह तेज गेंदबाज फिर अच्छा प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो पाया।
2019 में उन्होंने 11 मैच खेले और 10.66 के खराब इकॉनमी रेट के साथ 10 विकेट हासिल किये।
3. ओशेन थॉमस
आईपीएल 2019 की नीलामी में आरआर ने वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज ओशेन थॉमस को 1.10 करोड़ में खरीदा था। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के खिलाफ एक मैच में 6 रन देकर 2 विकेट लिए थे।
हालांकि पूरे सीजन में उन्हें 4 मैच खेले है और 7.9 के इकॉनमी रेट से 5 विकेट लिए है। बाद में वह लय खो बैठे और नहीं खेले। इसके बाद से वो आईपीएल में कभी खेलते हुए नजर नहीं आये है।
2. धवल कुलकर्णी
आईपीएल 2018 की नीलामी में, भारतीय तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी को शुरुआत में आरसीबी ने 75 लाख रुपये में खरीदा था।
हालाँकि राजस्थान ने आरटीएम (राइट टू मैच) कार्ड का उपयोग करके उतनी ही राशि में अपने साथ जोड़ लिया था। आरटीएम बहुत बड़ी चीज थी इसलिए कुलकर्णी का अच्छा प्रदर्शन जरूरी था।
कुलकर्णी का ये सीजन बेहद खराब गया था। उन्होंने 2018 में 8 मैच खेले थे और 9.47 के खराब इकॉनमी रेट से सिर्फ 4 विकेट ही लिए थे। 2019 में भी उन्होंने राजस्थान के लिए खराब प्रदर्शन किया।
इस सीजन में उन्होंने 10 मैच खेले और 9.57 के खराब इकॉनमी रेट से मात्र 6 विकेट लेने में ही कामयाब हो पाए।
इसके बाद 2020 और 2021 के आईपीएल में वो मुंबई इंडियंस का हिस्सा रहे। इस दौरान उन्हें सिर्फ 2 मैच ही खेलने का मौका मिला और वो कोई विकेट नहीं ले पाए।
1. टिम साउथी
जब आरआर ने आईपीएल 2014 की नीलामी में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टिम साउथी को 1.2 करोड़ में साइन किया, तो उन्हें उनसे बहुत उम्मीदें की गयी थी कि वो टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
हालांकि वो टीम की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। इस सीजन में उन्होंने 3 मैच खेले और एक भी विकेट लेने में कामयाब नहीं हो पाए। साउथी टी20 इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामलें में दूसरे स्थान पर मौजूद है।
उन्होंने अभी तक 92 मैच खेले है और 8.19 के इकॉनमी रेट की मदद से 111 विकेट अपने नाम किये है। हालांकि वो आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं रहे है।