भारतीय क्रिकेट को एमएस धोनी एक अलग मुकाम पर लेकर चले गए थे। धोनी के बारे में कहा जाता है कि वे किसी का फोन नहीं उठाते हैं।
इतना कि कई बार उनके करीबी टीम के साथी और यहां तक कि बीसीसीआई के लोग भी उन तक नहीं पहुंच पाते थे।
यह धोनी ईगो की वजह से नहीं करते थे बल्कि वो ऐसा इसलिए करते थे ताकि वो पूरी तरह से मैदान पर और बाहर एक बैलेंस लाइफ बनाने पर फोकस कर सके।
धोनी के इस रवैये पर वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया कि बीसीसीआई को भारतीय कप्तान को एक “स्पेशल फोन” पड़ा ताकि वह उनकी कॉल को टाल न सके।
सहवाग ने पिछले साल क्रिकबज को दिए इंटरव्यू में बताया था कि कैसे उस समय के बीसीसीआई सचिव को एमएस धोनी को एक अलग फोन देना पड़ा था।
यह नंबर केवल बोर्ड और कप्तान को ही पता था, ताकि चयनकर्ता और अधिकारी उनसे संपर्क कर सके।
सहवाग ने कहा, “एक बार ऐसा देखने को मिला था जब बीसीसीआई सचिव ने धोनी को फोन मिलाया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया ।
जब अगली बार सचिव उनसे मिले तो उन्होंने धोनी को एक स्पेशल फोन दिया और कहा कि जब इस फोन पर रिंग बजेगी तो तुम्हें ये फोन उठाना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, “क्योंकि तब चयन के लिये बोर्ड मीटिंग्स होती रहती थीं और वह भारतीय टीम के कप्तान थे तो उनसे फोन पर बात करना जरूरी हुआ करता था।
तब से धोनी के पास बीसीसीआई द्वारा दिया गया एक फोन रहता था। मुझे नहीं मालूम है कि वो फोन अब भी उनके पास है या नहीं। लेकिन हां, उनका एक पर्सनल नंबर भी है।”
एमएस धोनी की फोन ना उठाने की आदत का खुलासा महान वीवीएस लक्ष्मण ने भी 2012 में अपने रिटायरमेंट के बाद मीडिया से बातचीत में किया था।
धोनी की कप्तानी की बात की जाए तो उन्होंने 60 टेस्ट मैच में भारतीय टीम की कमान संभाली है जिसमें से टीम को 27 में जीत 18 में हार मिली थी। वहीं 15 मैच ड्रा हो गए थे।
वनडे में धोनी ने 200 मैचों में कप्तानी की है जिसमें से भारतीय टीम को उन्होंने 110 में जीत दिलवाई है और 74 में हार का सामना करना पड़ा है।
5 मैच टाई हुए है और 11 का रिजल्ट नहीं निकला था। इसके अलावा उन्होंने 72 टी20 इंटरनेशनल मैच में भी टीम की कमान संभाली है।
इस दौरान भारत को 41 में जीत और 28 में हार का सामना करना पड़ा है। इस दौरान 1 मैच टाई और 2 मैचों का रिजल्ट नहीं निकल सका था।
धोनी इकलौते ऐसे कप्तानी है जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफियां अपने नाम की है। उन्होंने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप, 2011 का वर्ल्ड कप और 213 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी।