भारत का दक्षिण अफ्रीका में पहली टेस्ट सीरीज जीतने का सपना टूट गया है। केपटाउन टेस्ट को चार दिन के अंदर ही दक्षिण अफ्रीका ने अपने नाम कर लिया।
तीन मैचों की टेस्ट सीरीज अफ्रीका ने 2-1 से अपने नाम कर ली। सेंचुरियन टेस्ट में 113 रन से जीतने के साथ भारतीय टीम ने सीरीज की शुरुआत बेहतरीन तरीके से की थी।
लेकिन इसके बाद भारतीय टीम जोहानिसबर्ग और केपटाउन टेस्ट हार गयी। तो उसी चीज को लेकर आज हम आपको भारत के ये सीरीज हारने के 4 कारणों के बारे में बताने जा रहे है।
1. राहुल-मयंक की सलामी जोड़ी
सेंचुरियन टेस्ट में भारत को बेहतरीन शुरुआत दिलाने वाले केएल राहुल और मयंक अग्रवाल की जोड़ी अगले दोनों टेस्ट मैच में फेल रही।
दोनों ने जोहानिसबर्ग में खेले दूसरे टेस्ट में जहां पहली पारी में 36 रन व दूसरी पारी में 24 रन की साझेदारी निभाई। पहले टेस्ट मैच के शतकवीर राहुल ने इस टेस्ट मैच की पहली पारी में तो 50 रन बनाये लेकिन दूसरी पारी में मात्र 8 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
वहीं मयंक पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में 23 रन बनाकर आउट हुए। वहीं तीसरे टेस्ट मैच की बात की जाए तो दोनों ने 31 और 20 रनों की साझेदारी की।
जहां राहुल पहली पारी में 12 और दूसरी पारी में 10 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। दूसरी तरफ मयंक का भी फ्लॉप प्रदर्शन जारी रहा। उनके बल्ले से पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में 7 रन निकले।
दोनों ही बल्लेबाज अच्छी शुरुआत के बाद गैर जरूरी शॉट खेलकर अपना विकेट खो बैठे। एक भी पारी में दोनों ने बेहतर बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया होता तो सीरीज का रिजल्ट कुछ और हो सकता था।
2. अजिंक्य रहाणे की खराब फॉर्म
रहाणे पिछले काफी समय खराब फॉर्म से गुजर रहे है फिर भी टीम उन्हें लगातार मौके दे रही है। वहीं दूसरी तरफ रहाणे मौकों का फायदा उठाने में कामयाब नहीं हो सके।
इस सीरीज में उनके बल्ले से पहले टेस्ट में 48 और 20, दूसरे टेस्ट मैच में 0 और 58, तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 9 और दूसरी पारी में मात्र 1 रन बनाया।
ऐसे में टीम मैनेजमेंट को उनकी जगह हनुमा विहारी या श्रेयस अय्यर को मौका ना देना का मलाल रहने वाला है। जहां हनुमा और अय्यर दोनों ही बेहतरीन फॉर्म में चल रहे है। अय्यर ने तो न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने डेब्यू में ही शतक जड़ दिया था।
रहाणे की खराब फॉर्म अब भारतीय टीम के लिए मुसीबत बनती जा रही है। उनकी खराब फॉर्म को देखकर लगता है कि अगली टेस्ट सीरीज में उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया जाएगा।
3. भारतीय टीम का डिफेंसिव माइंडसेट के साथ बल्लेबाजी ना करना
इस सीरीज में भारतीय टीम के बल्लेबाज ज्यादा डिफेंसिव दिखाई दिए। चाहे वो कोहली हो, राहुल हो , पंत हो या फिर टीम का कोई अन्य बल्लेबाज हो।
इस वजह से भारत इस पूरी टेस्ट सीरीज में 300 से ज्यादा का स्कोर नहीं बना पायी। बल्लेबाज टिकने के बाद खराब शॉट खेलकर अपना विकेट देकर पवेलियन लौट रहे थे।
भारत अगर यहाँ पर ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसी बल्लेबाजी करता तो शायद वो विपक्षी टीम पर और ज्यादा दबाव बना सकता था और शायद फिर रिजल्ट भी कुछ और होता।
4. गेंदबाजों का चौथी पारी में तेजी से रन लुटाना और विकेट न लेना
भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की गिनती इस समय दुनिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण में की जाती है।
इस टेस्ट सीरीज में तेज गेंदबाजों ने पहली पारी में तो शानदार प्रदर्शन करके दिखाया लेकिन दूसरी पारी में गेंदबाज विकेट लेने में नाकाम रहे। गेंदबाजों ने दूसरी पारी में काफी तेजी से रन लुटाये।
इसी वजह से भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। दुनिया के बेहतरीन स्पिनरों में शुमार अश्विन इस सीरीज में विकेट लेने के लिए तरसते रहे।
अगर भारत के गेंदबाज दूसरी पारी में थोड़ी अच्छी गेंदबाजी करते तो भारत पहली बार अफ्रीका में सीरीज जीत सकता था।