टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम पिछले दो दशक से काफी अच्छा प्रदर्शन करती हुई नजर आ रही है। इससे पहले पाकिस्तानी टीम का पलड़ा भारत पर भारी रहता था।
भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ कई मैचों में हार झेलनी पड़ी है। इस बात का पता दोनों टीमों के बीच के आंकड़ों को देखकर लगाया जा सकता है।
हालांकि टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से कई धाकड़ खिलाड़ी रहे है जिन्होंने अपने खेल से गेंदबाजों को परेशान करने का काम किया है।
कई भारतीय खिलाड़ियों ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक जड़कर दिखा दिया कि उन्हें कोई हल्के में लेने की भूल ना करें। भारत की तरफ से टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ने वाले 16 खिलाड़ी है।
कई खिलाड़ियों ने आगे चलकर भारतीय टीम की कमान भी संभाली है और अपनी कप्तानी में टीम को एक अलग मुकाम तक लेकर गए है। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें कप्तान बनने का मौका नहीं मिल पाया।
वहीं कई दिग्गज खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, धोनी जो अपने पहले टेस्ट में शतक जड़ने में कामयाब नहीं हो पाए। लेकिन उन सबने क्रिकेट में अपना एक अलग मुकाम बनाया है।
तो इसी चीज को लेकर आज हम आपको ऐसे 3 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक लगाया। इसके अलावा कुछ समय बाद उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी का जिम्मा भी बखूबी संभाला।
मोहम्मद अजहरुद्दीन
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1984 में कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ अपना डेब्यू किया था। उस टेस्ट मैच की पहली पारी में उनके बल्ले से 110 रन निकले थे। आगे चलकर उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी भी की।
अजहरुद्दीन ने भारतीय टीम की 47 मैचों में कप्तानी की है, जिनमें से टीम को 14 मैच में जीत और 14 मैच में ही हार का सामना करना पड़ा है जबकि 19 मैच ड्रा रहे।
अजहरुद्दीन के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 99 टेस्ट मैच खेले है और 45.03 की औसत के साथ 6215 रन अपने नाम किये है। इस दौरान उन्होंने 22 शतक और 21 अर्धशतक भी लगाए है।
दिलचस्प बात यह रही कि इतना शानदार बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में कभी दोहरा शतक नहीं लगा पाया। टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर 199 रन है।
इसका मलाल शायद उन्हें जिंदगीभर सताता रहेगा। वहीं उन्होंने वनडे क्रिकेट में 334 मैच खेले है और 36.92 की औसत की मदद से 9378 रन बनाये है।
सौरव गांगुली
दादा जितने अच्छे बल्लेबाज थे वो उतने अच्छे ही कप्तान थे। दादा ने 1996 में लॉर्ड्स के मैदान पर पहली बार टेस्ट मैच में खेलने उतरे थे और उसी मैच में उन्होंने शतक लगा दिया था।
इस टेस्ट के बाद उन्होंने अगले टेस्ट में भी शतक बनाया था और मैन ऑफ द सीरीज का अवार्ड अपने नाम कर लिया था। वहां से आगे चलकर उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी।
गांगुली ने 49 मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की है जिसमें से टीम को 21 में जीत और 14 मैच में हार मिली है, जबकि 15 मैच ड्रा रहे है।
उन्होंने भारत को 113 टेस्ट मैच में रिप्रेजेंट करते हुए 42.17 की औसत की मदद से 7212 रन बनाए है। इस दौरान उनके बल्ले से 16 शतक और 35 अर्धशतक निकले है। गांगुली का सर्वाधिक टेस्ट स्कोर 239 रन है।
वीरेंदर सहवाग
बहुत सारे लोग इस बात से अंजान होंगे कि वीरेंदर सहवाग ने टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी भी की है। वो 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्लोमफोंटेन में पहली बार मैदान में खेलने उतरे थे।
इस मैच में सहवाग ने 105 रन की शानदार शतकीय पारी खेली थी। उन्होंने अपने करियर में भारत के लिए चार टेस्ट मैच में कप्तानी की है।
इनमें से 2 मैच में टीम को जीत मिली है और एक में टीम को शिकस्त झेलनी पड़ी है, जबकि एक मैच ड्रा हो गया है। सहवाग ने अपने करियर में 104 टेस्ट मैच खेले है।
उन्होंने 49.34 की औसत के साथ 8586 रन अपने नाम किये है। इस दौरान उनके बल्ले से 23 शतक और 32 अर्धशतक भी निकले है। टेस्ट मैच में उनका सर्वाधिक स्कोर 319 रन है।