भारतीय टीम में पुराने जमाने से लेकर अब तक कई कप्तान आये और गए लेकिन सौरव गांगुली ने एक कप्तान के रूप में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी।
उनकी गिनती दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में की जाती है। दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली अपनी बात कहने से कभी डरा नहीं करते थे।
मैदान पर विपक्षी टीम का बिना मतलब लड़ना हो या नियम कायदों की बात आ जाए, सौरव गांगुली ने हर जगह आगे आकर टीम के लिए खड़े हुए है।
सभी क्रिकेट प्रशंसक सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे आक्रामक कप्तान मानते है। सौरव गांगुली मैदान पर विपक्षी टीम के सामने यह बात कई बार करते हुए भी दिखाई दिए है।
भारतीय क्रिकेट टीम को एक अलग मुकाम पर ले जानें का काम भी सौरव गांगुली ने ही करके दिखाया है। कप्तान बनने के कुछ समय बाद ही वो अपनी कप्तानी में टीम को 2002 की चैम्पियंस ट्रॉफी और 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल तक लेकर गए थे।
इसके अलावा उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ सलामी बल्लेबाज के तौर पर टीम के लिए कई बेहतरीन साझेदारियां भी निभाई है।
सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी के दौरान कई मौकों पर विपक्षी टीम को दिखाया है कि मैं ही भारतीय टीम के असली बॉस वो ही है। तो ऐसे में उसी चीज को लेकर आज हम आपको उन पलों में से मैदान पर घटित कुछ बातें के बारे में बताने जा रहे है।
रसेल आर्नल्ड के साथ हुई कहासुनी
यह घटना उस समय देखने को मिली थी जब 2002 चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत का मुकाबला श्रीलंका के खिलाफ खेला जा रहा था।
श्रीलंकाई बल्लेबाज रसेल आर्नल्ड ने अनिल कुंबले की एक गेंद को पॉइंट की तरफ कट करके रन लेने की कोशिश की लेकिन वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए। वे पिच पर रफ बनाने के प्रयास कर रहे थे जिसे राहुल द्रविड़ ने नोटिस कर लिया और दादा को बता दिया।
सौरव गांगुली तुरंत आर्नल्ड के पास गए और उनसे कहा कि यहाँ से दूर ही रहे। गांगुली ने उनसे ये बात इसलिए कहीं क्योंकि दूसरी पारी में भारत को बल्लेबाजी करने के लिए आना था।
आर्नल्ड के ऐसा करने से श्रीलंकाई स्पिनरों को मदद मिल सकती थी। गांगुली ने आर्नल्ड को बुरी तरह लताड़ लगाते हुए उन्हें चेतावनी भी दे डाली।
स्टुअर्ट ब्रॉड को दिया बल्ले से जवाब
जब 2007 में सात मैचों की सीरीज के छठे मैच में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करने मैदान पर उतरी थी तब यह घटना हुई। सचिन और गांगुली ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई थी।
गांगुली ने स्टुअर्ट ब्रॉड की एक गेंद को ऑफ साइड में शॉर्ट कवर में मारकर चौका बटोरना चाहते थे लेकिन वो उसमे असफल हो गए और गेंद सीधी फील्डर के हाथों में चली गयी थी।
इस चीज को लेकर ब्रॉड और गांगुली के बीच कुछ कहासुनी हो गयी। अम्पायर अलीम डार ने दोनों के बीच आकर मामला सुलझवाया।
इसके बाद ब्रॉड अगले ओवर में जब गेंदबाजी करने आए तब गांगुली ने खुद को रूम देते हुए गेंद को ब्रॉड के सिर के ऊपर से छक्के जड़ दिया और उन्हें अपनी दादागीरी दिखा दी।
नेटवेस्ट ट्रॉफी में लहराई शर्ट
इस घटना के बारे में तो शायद हर क्रिकेट प्रेमी को पता होगा। इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा देखने को मिला था। भारत दौरे पर 2001 में इंग्लैंड ने जब सातवाँ मैच भारत को रोमांचक तरीके से हरा दिया था।
भारत को तीन गेंद पर छह रन बनाने थे और भारत के पास 2 विकेट बचे हुए थे। फ्लिंटॉफ ओवर करा रहे थे और उन्होंने श्रीनाथ को आउट करने के बाद अपनी शर्ट हवा में लहराई।
इस घटना के पंद्रह महीने बाद नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में जब युवराज सिंह ने 69 और मोहम्मद कैफ ने नाबाद 87 रन की पारी खेलकर फाइनल जितवाया था। तब गांगुली ने बदला लेते हुए बालकनी में शर्ट उतारकर लहराई थी। इस मैच में उन्होंने भी 43 गेंद में 60 रन की पारी खेली थी।