हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपने देश के लिए खेलें और कप्तानी करें। मगर उनमें से बहुत कम को ही अपना सपना पूरा करने का मौका मिल पाता है।
पिछले कुछ सालों में भारत में कुछ ऐसे भारतीय क्रिकेटर देखने को मिले है। जिन्होंने बतौर कप्तान अपना पहला मैच श्रीलंका के खिलाफ खेलकर दिखाया।
उनमें से कुछ खिलाड़ी आगे चलकर बतौर कप्तान सफल हुए और कुछ खिलाड़ी फेल हो गए। तो आज हम आपको उन 5 भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है। जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपनी कप्तानी का डेब्यू किया।
1. कपिल देव
श्रीलंका के खिलाफ 1982-83 सीजन के दौरान कपिल देव को पहली बार भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था।
उस समय भारत के कप्तान सुनील गावस्कर ने वनडे सीरीज के लिए खुद को आराम देने का फैसला लिया था। जिस कारण गावस्कर की जगह कपिल देव ने श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम की कप्तानी की थी।
भारतीए टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन का नजारा पेश करते हुए बड़े आराम से 78 रन से यह मैच अपने नाम कर लिया था।
भारत ने क्रिस श्रीकांत (57), अशोक मल्होत्रा (40), कप्तान कपिल देव (49) और यशपाल शर्मा (37) की मदद से 269/7 का स्कोर खड़ा किया। गेंदबाजी में दिलीप जोशी ने 44 रन देकर 4 विकेट हासिल किये।
2. सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास के सबसे महानतम खिलाड़ी मानें जाते हैं। जब भी वो मैदान पर उतरते थे कोई ना कोई रिकॉर्ड बनाकर ही लौटते थे। सचिन जितने बेहतरीन बल्लेबाज हुआ करते थे।
उतने अच्छे कप्तानी साबित नहीं हो पाए। उन्होंने अपने करियर में दो बार टीम की कप्तानी करने का मौका मिला लेकिन उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सिंगर कप 1996 में अपनी कप्तानी का डेब्यू किया।
मोहम्मद अजहरुद्दीन के खराब प्रदर्शन के कारण बीसीसीआई को 23 साल की छोटी उम्र में सचिन को कप्तान बनाने का फैसला करना पड़ गया था। सचिन की कप्तान के तौर पर शुरुआत खराब रही और भारत 9 विकेट से मैच हार गया।
तेंदुलकर के शतक (110) के बावजूद भारत अपने 50 ओवरों में केवल 226/5 का स्कोर ही खड़ा कर पाया।
अजहरुद्दीन ने 99 गेंदों का सामना करते हुए 58 रन की बेहद धीमी पारी खेलकर दिखाई। बाकी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करने में सफल नहीं हुए। उस मैच में एकमात्र विकेट तेंदुलकर को ही मिला था।
3. विराट कोहली
विराट कोहली वर्तमान में टेस्ट और वनडे के कप्तान है और साथ ही साथ उनकी गिनती दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में होती है। धोनी की तरह उन्हें भी सभी प्रारूपों में देश की कप्तानी करने का मौका मिला है।
कोहली ने पहली बार 2013 में श्रीलंका, भारत और वेस्टइंडीज के बीच त्रिकोणीय सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी की थी क्योंकि धोनी चोट के चलते सीरीज से बाहर हो गए थे। जिस कारण कोहली ने कमान संभाली थी।
उपुल थरंगा की नाबाद 174 रन की बदौलत श्रीलंका ने 1 विकेट खोकर 348 रन का स्कोर खड़ा किया। 349 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम मात्र 187 रनों पर ढेर हो गयी।
उस मैच में भरता की तरफ से जडेजा ने सबसे ज्यादा नाबाद 49 रन की पारी खेली थी। इस मैच में भारत को एक करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में कप्तान के रूप में कोहली के अंदर अनुभव की कमी साफ तौर पर दिखाई दी।
2. रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने भी अपनी कप्तानी की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ ही की थी। जब श्रीलंका ने 2017 में भारत का दौरा किया था।
भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी को देखते हुए विराट ने टेस्ट सीरीज के बाद आराम करने का फैसला लिया था। जिसकी वजह से रोहित को कप्तानी मिली थी।
उस वनडे मैच में भारत पहले बल्लेबाजी करते हुए करते हुए महज 112 रनों पर ही ऑलआउट हो गया था। भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन 65 रन एमएस धोनी ने बनाये थे।
कप्तान के रूप में अपना पहला मैच खेल रहे रोहित शर्मा ज्यादा देर पिच पर रुक नहीं सके और 2 रन बनाकर आउट हो गए। श्रीलंकाई टीम ने 20.4 ओवर में ही ये मैच 7 विकेट से अपने नाम कर लिया।
5. शिखर धवन
शिखर धवन ने इसी साल श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम की कप्तानी की थी। भारत की एक टीम इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज खेल रही थी।
वहीं दूसरी तरफ युवा टीम शिखर धवन की कप्तानी में श्रीलंका के खिलाफ खेली थी। पहले वनडे मैच में श्रीलंका की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 262 रन का स्कोर खड़ा किया।
जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 36.4 ओवर में ही 7 विकेट से मैच को अपने नाम कर लिया। इस मैच में भारत की तरफ से ससे ज्यादा 86 रन शिखर धवन ने बनाये।