यह बात पूरी तरह से सच है कि आज के समय में क्रिकेट की दुनिया खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश होती है और खिलाड़ी बहुत जल्द मालामाल बन जाते है।
देश के लिए कुछ मैचों में खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन न करें तो उनकी बल्लेबाजी पर सवाल उठने लगते है। तब, ऐसे लोगों को क्रिकेटर्स के संघर्ष और उनकी जिंदगी में मची हुई उथल- पुथल के बीच कैसे क्रिकेटर्स देश के लिए खेलने लगते है उनके बारे में पढ़ना चाहिए।
यह सच है कि आज के समय में क्रिकेटर देश के लिए, अलग-अलग लीगों में खेलकर बहुत पैसा कमा रहे है। इसके अलावा क्रिकेटर विज्ञापनों से भी अच्छी कमाई कर लेते है।
लेकिन, वास्तव में सभी क्रिकेटर शुरुआत से ही अमीर नहीं होते वो वह धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए दुनियाभर में नाम पैसा और शोहरत कमाते है क्योंकि वो इस मुकाम तक अपने संघर्ष और अच्छे प्रदर्शन के बलबूते यहाँ पहुंचे है।
भारत में लगभग हर क्रिकेटर की कहानी कुछ ऐसी ही रही है। तो आज हम आपको ऐसे ही कुछ क्रिकेटर्स के बारे में बताएंगे जो गरीबी से उठकर देश के लिए खेले है।
डेविड वार्नर
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज, डेविड वार्नर रात 3 बजे तक नौकरी करते थे और फिर सुबह 7 बजे से स्कूल जाने तक उन्हें लंबी-लंबी यात्राएं में मजबूरी में करनी पड़ती थी।
वार्नर ये यात्राएं किसी वाहन से नही बल्कि पैदल चलकर करते थे। दस साल की उम्र में वॉर्नर साथ एक हाउसिंग-कमीशन के छोटे से कमरे में रहते थे और उनकी हालत ऐसी थी कि उनका परिवार उन्हें एक बल्ला भी खरीदकर देने में असमर्थ था।
काफी संघर्ष करने के बाद उनके परिवार ने उनके लिए बल्ला खरीदा। वार्नर रात के 3 बजे तक एक स्टोर पर नौकरी भी किया करते थे और फिर वीकेंड में वो पेपर डिलीवरी बॉय के रूप में में काम किया करते थे और क्रिकेट भी खेला करते थे।
उनकी ये मेहनत रंग लायी और आज के समय में वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक मानें जाते है। उन्होंने अभी तक ऑस्ट्रेलिया के लिए 302 इंटरनेशनल मैच खेले है और 15000 से ज्यादा रन बनाये है।
शोएब अख्तर
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से पहचाने जानें वाले पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर आने समय के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज हुआ करते थे। शोएब अख्तर का सबसे बड़ा हथियार उनकी गति थी।
वो बहुत तेज गति से गेंदबाजी किया करते थे। जो पलक झपकते किसी भी बल्लेबाज को या तो चोटिल कर सकने में सफल हो सकती थी या फिर बोल्ड कर सकती थी।
शोएब ने अपना बचपन बेहद गरीबी में गुजारा। वह अपने माता-पिता के साथ जिस घर में रहा करते थे उस घर की हालत बेहद खराब थी।
बरसात के दिनों में उनके घर से पानी रिसा करता था लेकिन, एक दिन उनका पूरा घर गिर गया और हालात ऐसी हो गयी थी कि उनके पास रहने के लिए घर नहीं बचा था। शोएब ने मेहनत करनी नहीं छोड़ी।
उसी का ये नतीजा है कि आज उनकी गिनती दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में की जाती है। रावलपिंडी एक्सप्रेस ने अपने करियर में 200 से ज्यादा मैच खेले है और 400 से ज्यादा विकेट अपने नाम किये है।
मोहम्मद सिराज
जिस हिसाब से ये भारतीय खिलाड़ी देश के लिए खेल रहा है तो इसका आने वाला भविष्य काफी उज्ज्वल रहने वाला है।
वर्तमान में आईपीएल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलने वाले सिराज की किस्मत ने तब रंग बदला जब उन्हें आईपीएल में 2.6 करोड़ की बड़ी बोली में खरीदा गया।
आपको बता दे कि सिराज के पिता एक ऑटो-रिक्शा चालक थे और उनकी घरेलू स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं थी लेकिन सिराज के संघर्ष के दिनों पर काफी कम बात की जाती है।
उनके पास बल्ला खरीदने के पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने गेंदबाजी करना शुरू कर दिया। उन्हें जब- जब देश के लिए खेलने का मौका मिला है तब-तब उन्होंने शानदार प्रदर्शन ही करके दिखाया है।
सिराज ने अपने करियर में अभी तक 9 टेस्ट, एक वन डे मैच और 3 टी20 मैच खेले है और कुल मिलाकर 33 विकेट लिए है।
रविंद्र जडेजा
स्टार क्रिकेटर रविंद्र जडेजा के पिता सिक्योरिटी गॉर्ड थे और उन्होंने भी बचपन मे अभाव भरी जिंदगी में काफी मेहनत की और बड़े स्टार बने।
रवींद्र जडेजा ने आज के समय खुद को सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक के रूप में स्थापित किया है जो वर्तमान में विश्व क्रिकेट में खेल रहे हैं।
रवींद्र जडेजा ने निचले क्रम में महत्वपूर्ण पारियां खेलकर, मध्य ओवरों में महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए हैं। अपने क्षेत्ररक्षण से योगदान देकर रवींद्र जडेजा अमूल्य क्रिकेटरों में से एक हैं।।