सौरव गांगुली की गिनती दुनिया के बेहतरीन कप्तानों में होती है लेकिन इनकी कप्तानी में भारत कोई आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर पाया। गांगुली का योगदान भारतीय टीम में इसलिए बड़ा माना जाता है क्योंकि जब वो कप्तान बने थे तब भारतीय टीम बिखरी हुई थी।
उन्होंने एक नई टीम बनाई और युवा खिलाड़ियों को शामिल किया। सौरव गांगुली एक बेहतरीन कप्तान थे। अब वो इस समय बीसीसीआई के अध्यक्ष भी है और ये ज़िम्मेदारी भी बहुत अच्छे से निभा रहे है।
इसके अलावा सौरव गांगुली अपनी हाजिर जवाबी के लिए जानें जाते है। तो आज हम उनकी ऐसे ही कुछ हाजिर जवाबी वाले इन्सिडेंट्स के बारे में आपको बताएंगे।
गांगुली ने की नासिर हुसैन की बोलती बंद
एक बार मैच के दौरान नासिर हुसैन ने भारतीय फुटबॉल टीम का मजाक उड़ाया था और सौरव गांगुली से पूछा कि क्या कभी ऐसा समय आएगा जब भारत फुटबॉल वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई कर जाएगा ?
इस पर गांगुली ने कहा कि अगर भारतीय फुटबॉल टीम पिछले पांच दशकों से लगातार वर्ल्ड कप खेल रहीं होती तो ह एक बार तो फुटबॉल वर्ल्ड कप के फाइनल में जरूर पहुंचती (जो कि इंग्लिश टीम 2019 तक नहीं पहुंच पाई थी)। उनके इस जवाब पर हुसैन की बोलती बंद हो गयी।
मौका-मौका विज्ञापन पर दादा का शानदार जवाब
मौका-मौका विज्ञापन काफी फेमस है जिसका संबंध भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच से रहता है। इस विज्ञापन में एक पाकिस्तानी फैन की निराशा को दिखाते है जो सालों से पटाखे फोड़ने के मौके की तलाश में बानी रहती है।
लेकिन जब भी उन्हें एहसास होता है कि अब वह मौका आ चुका है उसी वक्त पाकिस्तानी टीम को भारत से वर्ल्ड कप में हार झेलनी पड़ती है। दादा ने इसपर कहा था कि मौका-मौका विज्ञापन हमेशा इसी तरह चलता रहने वाला है क्योंकि भारत हर वर्ल्ड कप मैच में पाकिस्तान को मात देता रहेगा।
सौरव गांगुली का ज्योफ्री बॉयकॉट को करारा जवाब
ये बात हम सबको अच्छे से पता है कि 2002 की नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में जीत हासिल करने के बाद दादा ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी शर्ट उतार कर जश्न मनाया था |
ज्योफ्री बॉयकॉट ने कमेंट्री के दौरान सौरव गांगुली को उसी घटना को याद दिलाते हुए उनकी टांग खींचने की कोशिश की जिसके जवाब में दादा ने उन्हें तुरंत याद दिला दिया कि किस तरह एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने भी मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इसी तरह का कुछ करके दिखाया था।
गांगुली यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लॉर्ड्स इंग्लिश क्रिकेट को मक्का कहते है उसी तरह वानखेड़े भारतीय क्रिकेट का मक्का कहा जाता है।
सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ की चुटकी का दिया शानदार जवाब
राहुल द्रविड़ ने एक बार दादा को चिढ़ाते हुए कहा अगर दादा थोड़े से और तेज और फिट होते तो वह बल्ले के साथ साथ गेंद से भी भारत को कई मौकों पर मैच में जीत दिलवा सकते थे।
इसका जवाब देते हुए दादा ने कहा अगर वह भारत के प्रधानमंत्री होते तो वह बहुत सी चीजें और भी करते इसका मतलब वो सीधे कहना चाह रहे थे कि खेल में अगर और मगर का कोई मतलब नहीं होता है।
सौरव गांगुली ने धोनी की फील्ड प्लेसमेंट पर किया मजाक
एमएस धोनी द्वारा लगाई गई फील्ड को देखकर कई बार दादा हैरान हो जाते थे क्योंकि उन्हें समझ नहीं आता था कि धोनी मैदान के अजीब हिस्सों पर फील्डर्स क्यों लगाते हैं।
एक मैच के दौरान दादा ने कमेंट्री में कहा कि धोनी संन्यास के बाद अपने द्वारा लगाई गई फील्डिंग पोजिशन के ऊपर एक किताब जरूर लिखे।