हर कोई अपने जीवन में विभिन्न समस्याओं का सामना करता ही है। वहीं क्रिकेटर्स भी अपने करियर में अनेकों समस्याओं से जूझते रहते हैं। कई क्रिकेटर ख़राब फॉर्म से जूझते हुए फॉर्म में वापसी करने में सफल हो जाते है जब्कि जबकि कुछ असफल हो जाते है।
इस कारण उन्हें उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया जाता है और फिर उनके पास संन्यास लेने के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं बचता।
क्रिकेट जगत में कई क्रिकेटर हैं जो सम्मान सहित रिटायर हुए है लेकिन कुछ ऐसे भी क्रिकेटर है जो सम्मान उन्हें मिलना चाहिए था वो सम्मान उन्हें नहीं मिला। तो आज हम ऐसे 5 क्रिकेटर्स की जिनके इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का अंत बेहद खराब रहा।
नवजोत सिंह सिद्धू
क्रिकेटर से कमेंटेटर और फिर पॉलिटिशियन बने सिद्धू ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1983 में की थी और उन्होंने साल 1999 में संन्यास ले लिया था। 16 साल लंबे क्रिकेट करियर में सिद्धू ने टीम इंडिया को 51 टेस्ट और 136 वन डे मैचों में रिप्रेजेंट किया है।
सिद्धू के क्रिकेट करियर का अंत बहुत खराब गया। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि उस वक्त के मुख्य चयनकर्ता अजीत वाडेकर ने उन्हें अनफिट बताते हुए उनकी जगह अन्य खिलाड़ियों को टीम में जगह दे दी थी। इस घटना के बाद सिद्धू पूरी तरह से टूट गए थे।
एक अन्य रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि, तत्कालीन कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन नहीं चाहते थे कि सिद्धू को 1999 के क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए टीम में शामिल किया जाए।
हालांकि यह अब तक साफ नहीं है कि, सिद्धू को टीम से बाहर क्यों निकाला गया था लेकिन टीम से बाहर होने के बाद सिद्धू ने संन्यास ले लिया था।
वीवीएस लक्ष्मण
‘वेरी-वेरी स्पेशल’ के नाम से मशहूर लक्ष्मण अपने क्रिकेट करियर में 11 हजार से भी ज्यादा रन बना चुके हैं। 34 टेस्ट और 86 वनडे खेलने वाले लक्ष्मण ने 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरे में टीम इंडिया को मिली करारी हार और अपने खराब प्रदर्शन से काफी दुखी थे।
उसके बाद मीडिया में उनकी आलोचना होने लगी जिससे वे और टूट गए। इसी वजह से लक्ष्मण ने संन्यास ले लिया।
केविन पीटरसन
इंग्लैंड के विस्फोटक बल्लेबाज केविन पीटरसन को मशहूर पत्रिका द गार्जियन द्वारा ‘इंग्लैंड का सबसे महान आधुनिक बल्लेबाज’ और टाइम्स द्वारा ‘क्रिकेट का सबसे शानदार बल्लेबाज बताया गया था।
2018 में वो अपनी खराब फॉर्म से परेशान थे और इसी कारण उन्होंने तभी संन्यास लेने का मन बना लिया। पीटरसन ने संन्यास के समय इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट लिखते हुए कहा, मेरे पूरे करियर में मेरे फैंस और मेरे परिवार ने मेरे साथ रहे जिसके लिए मैं इन सभी का आभारी हूँ।
जेम्स टेलर
किसी खिलाड़ी के लिए इससे ज्यादा बुरी बात क्या हो सकती है जब वो अपनी शानदार फॉर्म में हो और उसे संन्यास लेना पड़ जाए। ऐसा ही कुछ इंग्लैंड के क्रिकेटर जेम्स टेलर के साथ हुआ।
उन्हें ह्रदय रोग होने के कारण मात्र 26 वर्ष की उम्र में ही संन्यास लेना पड़ गया था। अपने छोटे से करियर में उन्होंने इंग्लैंड के लिए 27 वनडे और 7 टेस्ट मैच खेले है और 1199 रन बनाये है।
हेनरी ओलोंगा
साल 1999 में जिम्बाब्वे क्रिकेट के पोस्टर बॉय हेनरी ओलोंगा को जिम्बाब्वे सरकार का विरोध करना करना उनके करियर के लिए भारी पड़ गया था। दरअसल, साल 2003 के वर्ल्ड कप से ठीक पहले जिम्बाब्वे में अराजकता अपनी चरम सीमा तक पहुंच चुकी थी।
जिम्बाब्वे के हालात इतने खराब हो चुके थे कि कई देशों ने जिम्बाब्वे में होने वाले मैचों में खेलने से इंकार कर दिया था लेकिन अपने देश में लोकतंत्र की हत्या होता देख हेनरी ओलोंगा ने अराजकता का विरोध जताने के लिए विवर्ल्ड कप में काली पट्टी बांधकर मैच खेला था।
इसके कारण उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया। जिस कारण उन्होंने अपना देश छोड़कर इंग्लैंड की शरण ले ली और इस तरह एक अच्छे क्रिकेटर के खेल जीवन का अंत खराब रहा।