पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी हमेशा सुर्खियों के केंद्र में रहे हैं क्योंकि वह दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक हैं। उन्होंने अपने लंबे समय तक चलने वाले क्रिकेट करियर में कई रिकॉर्ड बनाये और तोड़े।
इसमें कोई शक नहीं है कि धोनी सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक हैं। वह तीनों आईसीसी ट्राफियां जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं और यहां तक कि भारतीय टीम को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 स्थान पर भी पहुंचा दिया था।
हालांकि, एक कप्तान के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, 41 वर्षीय क्रिकेटर ने कुछ ऐसे फैसले किए, जिससे सभी खुश नहीं हुए थे और इसी वजह से साथियों के साथ उनकी अनबन को जन्म दे दिया।
तो आज हम आपको ऐसे ही 3 भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे है जिनकी पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से अनबन हो गयी थी।
1) गौतम गंभीर
गौतम गंभीर ने भारत को 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने दोनों ही फाइनल मैच में शानदार अर्धशतकीय पारियां खेली थी।
हालांकि, बाएं हाथ के बल्लेबाज ने एमएस धोनी के खिलाफ अपने विवादास्पद बयानों के लिए कई बार सुर्खियां बटोरीं। इससे साफ है कि दोनों क्रिकेटरों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था।
गंभीर के इंटरनेशनल करियर की बात की जाए तो उन्होंने 242 मैच खेले है और 10,324 रन बनाये है। इस दौरान उनके बल्ले से 20 शतक, एक दोहरा शतक और 63 अर्धशतक लगाए है।
2) वीरेंद्र सहवाग
एक कप्तान के रूप में एमएस धोनी के कार्यकाल में दोनों प्रमुख खिताब जीतने वाली टीमों का हिस्सा पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी थे।
हालांकि 2012 में ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ बैंक त्रिकोणीय सीरीज के दौरान धोनी की रोटेशन नीति के फैसले ने दोनों पक्षों के बीच संबंधों में खटास ला दी थी। वहीं बाद में धोनी ने स्पष्ट किया कि सलामी बल्लेबाज के साथ कोई भी अनबन नहीं है।
दाएं हाथ के बल्लेबाज सहवाग के इंटरनेशनल करियर की बात की जाए तो उन्होंने 364 मैच खेले है और 17,253 रन बनाये है। इंटरनेशनल क्रिकेट में सहवाग के नाम 38 शतक, 7 दोहरे शतक, 2 तिहरे शतक और 72 अर्धशतक लगाए है।
3) युवराज सिंह
युवराज सिंह ने भारत को टी20 वर्ल्ड कप 2007 और 2011 का वर्ल्ड कप जितवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2011 के वर्ल्ड कप में तो उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज के अवार्ड से नवाजा गया था।
हालांकि कैंसर को हराकर वापसी करने के बाद चीजें उनके लिए कारगर नहीं रहीं। उन्होंने अपना चार्म खो दिया था और उन्हें टीम मैनेजमेंट से भी समर्थन नहीं मिला था।
इसके कारण, उनके पिता ने एमएस धोनी पर चयन को नियंत्रित करने के लिए और उनके बेटे का समर्थन करने के लिए काफी कुछ कहा था। हालाँकि, कुछ साल बाद, बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने ट्वीट के माध्यम से इन्हें अफवाह बताया था।
Iv got nothing to do with statements coming out in the media ! As iv said before enjoyed playing under dhoni no issues at all
— Yuvraj Singh (@YUVSTRONG12) April 7, 2015
बाएं हाथ के बल्लेबाजी ऑलराउंडर के इंटरनेशनल करियर की बात की जाए तो उन्होंने 402 मैच खेले है और 11,778 रन अपने नाम किये है। इस दौरान उनके बल्ले से 17 शतक और 71 अर्धशतक देखने को मिले है। वहीं गेंदबाजी करते हुए 148 विकेट लिए है।
वहीं धोनी के इंटरनेशनल करियर की बात करें तो उन्होंने 538 मैच खेले है और 17,266 रन अपने नाम करने में कामयाब रहे है। इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके नाम 16 शतक, एक दोहरा शतक और 108 अर्धशतक लगाए है।