पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने 18 अगस्त को इंटरनेशनल क्रिकेट में 14 साल पूरे कर लिए। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने आज ही के दिन 2008 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू किया था।
वो भारत के लिए शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे लेकिन पिछले 14 सालों में उन्होंने भारत के लिए 20,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। भारत और श्रीलंका के बीच की लड़ाई को हमेशा क्रिकेट फैंस का मनोरंजन किया है।
तो आज हम आपको भारत और श्रीलंका के बीच 2008 के उस मैच को देखेंगे जहां कोहली ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। इसके साथ उस मैच की 5 चीजों के बारे में आपको बताएंगे जो आप भूल गए होंगे।
1. इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट कोहली को पहली गेंद चमिंडा वास ने फेंकी
कोहली सीनियर लेवल पर अपने पहले इंटरनेशनल मैच में भारत के लिए पारी की शुरुआत करने आये। वह गौतम गंभीर के साथ बल्लेबाजी करने क्रीज पर उतरे।
श्रीलंका के लिए अनुभवी श्रीलंकाई तेज गेंदबाज चामिंडा वास ने गेंदबाजी की शुरुआत की। कोहली ने तीसरे ओवर में अपनी पहली गेंद का सामना किया और वह एक डॉट थी।
2. वीरेंद्र सहवाग की जगह विराट कोहली को प्लेइंग इलेवन में किया शामिल
बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर और दाएं हाथ के बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग सीमित ओवरों की क्रिकेट में भारत के दो सलामी बल्लेबाज थे जब कोहली ने अपना डेब्यू किया था।
हालांकि, सहवाग श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे के लिए अनुपलब्ध थे। इसी कारण टीम मैनेजमेंट ने कोहली पर विश्वास जताया और उन्हें डेब्यू करने का मौका दिया।
3. अजंता मेंडिस ने विराट कोहली के पहले वनडे मैच में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीता
श्रीलंका के मिस्ट्री स्पिनर अजंता मेंडिस ने साल 2008 में भारत को काफी परेशान किया था। कोहली ने जिस मैच में डेब्यू किया था, उस मैच में मेंडिस ने 9 ओवर में 21 रन देते हुए 3 विकेट लिए।
इस दौरान उन्होंने 4 ओवर मेडन डालें। उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के अवार्ड से नवाजा गया। मेंडिस के वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने श्रीलंका के लिए 87 मैच खेले और 4.8 के इकॉनमी से 152 विकेट लिए।
4. प्रज्ञान ओझा और मुनाफ पटेल ने कोहली से ज्यादा रन बनाए
कोहली अपने पहले मैच में 22 गेंद में एक चौके की मदद से 22 रन बनाकर पवेलियन की तरफ वापस लौट गए।
वहीं गेंदबाज प्रज्ञान ओझा ने 29 गेंद में एक चौके की मदद से नाबाद 16 रन और मुनाफ पटेल ने 14 गेंद में के चौके और एक छक्के की मदद से 15 रन बनाये।
ओझा के वनडे करियर की बात की जाए तो उन्होंने 18 मैच खेले है और 4.47 के इकॉनमी रेट की मदद से 21 विकेट हासिल किये है।
वहीं पटेल ने भारत को 70 मैच में रिप्रेजेंट करते हुए 4.95 के इकॉनमी रेट और 30.27 के औसत की मदद से 86 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया है।
5. कोहली को आउट करने वाले पहले गेंदबाज थे नुवान कुलशेखरा
नुवान कुलशेखरा को 2011 वर्ल्ड कप की आखिरी गेंद एमएस धोनी को फेंकने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता हैं लेकिन वह इंटरनेशनल क्रिकेट में कोहली को आउट करने वाले पहले गेंदबाज भी थे।
दाएं हाथ के तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने 184 मैच खेले है और 4.9 के इकॉनमी रेट से 199 विकेट लिए है। वहीं बल्लेबाजी करते हुए 1327 रन बनाये है।