वनडे क्रिकेट में कई खिलाड़ी ऐसे देखने को मिले है जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है। वहीं कुछ ऐसे भी खिलाड़ी रहे है जिन्होंने वनडे में शुरुआत में तो अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया लेकिन कंसीस्टेंसी से रन नहीं बना सके।
इसके बाद कुछ सालों तक उनका बल्ला खामोश रहा। हालांकि इन टैलेंटेड खिलाड़ियों ने शानदार वापसी करके दिखाई और फिर से रन बनाने में कामयाबी हासिल की।
तो आज हम आपको 5 ऐसे क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे है जिनका लगातार दो वनडे शतकों के बीच सालों का अंतर रहा।
1. एंडी फ्लावर
जिम्बाब्वे के इस बल्लेबाज का वनडे क्रिकेट में लगातार 2 शतकों के बीच सबसे बड़ा अंतर था। जिनमें से पहला 23 फरवरी 1992 को बेन्सन और हेजेज वर्ल्ड कप के तीसरे मैच के दौरान श्रीलंका के खिलाफ आया था।
जिम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए फ्लावर के 115 रन की शानदार पारी की मदद से 312-4 का स्कोर खड़ा किया। हालांकि इस मैच में जिम्बाब्वे को 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
फ्लावर का अगला शतक काफी लंबे इंतजार के बाद आया। उन्होंने 21 अक्टूबर 2000 को शारजाह में दूसरे मैच में श्रीलंका टीम के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी।
जिम्बाब्वे ने फ्लावर की शानदार 120 रन की पारी की मदद से 4 विकेट खोकर 225 रन का स्कोर बनाया। हालांकि यह लक्ष्य काफी नहीं थी और उनकी टीम को 7 विकेट से हार झेलनी पड़ी।
2. मोहम्मद अजहरुद्दीन
महान भारतीय बल्लेबाज लगातार 2 शतकों के बीच 7 साल के लंबे गैप के बाद इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर आते हैं। अजहरुद्दीन ने 25 अप्रैल, 1990 को ऑस्ट्रल -एशिया कप में श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे मैच में 108 रन की पारी खेली।
उनकी इस शतकीय पारी की मदद से भारत 8 विकेट खोकर 241 रन का स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा। श्रीलंका ने यह मैच 4 गेंद रहते हुए 3 विकेट से जीत लिया।
अगला शतक 17 अगस्त, 1997 को भारत के श्रीलंका दौरे के पहले वनडे मैच के दौरान आया। जीत के लिए 303 रनों का पीछा करते हुए अजहरुद्दीन के 111 और जडेजा के 119 रन की मदद से 300 रन बना पाया और रोमांचक मैच में केवल 2 रन से हार गया।
3. कार्ल हूपर
विंडीज के इस ऑलराउंडर ने अपना दूसरा शतक बनाने में 6 साल का समय लिया। हूपर का पहला शतक 22 जनवरी, 1988 को भारत के वेस्टइंडीज दौरे के छठे वनडे में आया।
विंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए हूपर के 113 रन की शतकीय पारी की बदौलत 6 विकेट खोकर 278 रन का स्कोर खड़ा किया। भारत इस मैच में जो 205 रन पर ढेर हो गया और 73 रन से मैच हार गया।
दूसरा शतक 1 नवंबर 1994 को भारत में खेली गयी त्रिकोणीय सीरीज के 5वें वनडे मैच में आया था। हूपर के 111 रन की शतकीय पारी की मदद से विंडीज टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ 6 विकेट खोकर 306 का स्कोर बनाया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी कीवी टीम 171 रन पर ढेर हो गयी और 135 रन के विशाल अंतर से मैच हार गयी।
4. स्टीफन फ्लेमिंग
न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के बल्लेबाज फ्लेमिंग का पहला शतक 12 फरवरी 1998 को ऑस्ट्रेलिया के न्यूजीलैंड दौरे के तीसरे वनडे मैच में आया था। 236 रनों का पीछा करते हुए, फ्लेमिंग ने 111 रनों की शानदार पारी खेली और टीम को 7 विकेट से मैच जीता दिया।
हालाँकि इस पूर्व खिलाड़ी को अपना अगला शतक पूरा करने के लिए 2003 वर्ल्ड कप तक इंतजार करना पड़ा। 16 फरवरी, 2003 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए 15 वें मैच में आया।
कीवी टीम ने 307 रनों का पीछा करते हुए फ्लेमिंग के 134 रन की पारी की मदद से 36.3 ओवर में एक विकेट खोकर 229 रन बना लिए और 9 विकेट और 13 गेंद शेष रहते डकवर्थ लुईस नियम से मैच जीत लिया।
5. महेला जयवर्धने
श्रीलंकाई दिग्गज खिलाड़ी को भी अपने अगले शतक तक पहुंचने में 5 साल लग गए, उन्होंने 15 दिसंबर, 2001 को खेली गयी त्रिकोणीय सीरीज में विंडीज के खिलाफ खेले गए 5वें मैच के दौरान आया।
जयवर्धने की 94 गेंदों में 106 रनों की शानदार पारी की बदौलत श्रीलंका ने जीत के लिए मिले 235 रनों का पीछा करते हुए 8 विकेट और 41 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया।
उनका अगला शतक 24 जून, 2006 को श्रीलंका के इंग्लैंड दौरे के तीसरे वनडे मैच के दौरान आया था। 262 के लक्ष्य का पीछा करते हुए, श्रीलंका ने जयवर्धने के शानदार 126 रनों की शानदार पारी की मदद से 8 विकेट और 46 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया।