एक जुलाई से भारत और इंग्लैंड के बीच पिछले साल का बचा हुआ 5वां टेस्ट मैच खेला जाएगा। भारत इस सीरीज में 2-1 से आगे चल रहा है और ऐसे में उनके पास इतिहास रचने का मौका है।
वहीं भारत को इस टेस्ट मैच के शुरू होने से पहले ही झटका लग गया है। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा संक्रमित हो गए है और इस समय आइसोलेशन में रह रहे है।
रोहित शर्मा 5वें टेस्ट मैच तक फिट हो पाएंगे या नहीं इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। बीसीसीआई ने उनके विकल्प के तौर पर मयंक अग्रवाल को टीम में शामिल कर लिया है।
अगर रोहित शर्मा मैच तक फिट नहीं हो पाते हैं तो कौन कप्तानी का जिम्मा संभालेगा। यह देखना दिलचस्प रहेगा। कई लोगों का मानना है कि इस मैच के लिए विराट को टीम की कप्तानी करनी चाहिए।
तो आज हम आपको उन 3 कारणों के बारे में बताने जा रहे है क्यों विराट कोहली को इस मैच में भारतीय टीम की कप्तानी करनी चाहिए।
1. भारतीय टीम में उनसे ज्यादा कोई अनुभवी नहीं
इस समय जो टेस्ट टीम इंग्लैंड के दौरे पर गयी है उसमें अनुभव की कमी साफतौर पर दिखाई दे रही है। केएल राहुल कमर में चोट के कारण इंग्लैंड दौरे से ही बाहर हो गए है।
वहीं विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुई 5 मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज में भारतीय टीम की कप्तानी का जिम्मा संभाला था।
हालांकि उन्हें अभी तक टेस्ट में कप्तानी नहीं की है। वहीं चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन, और रवींद्र जडेजा जैसे सीनियर खिलाड़ियों को भी टेस्ट में कप्तानी करने का कोई अनुभव नहीं है। ऐसे में विराट कोहली से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता हैं।
2. इस सीरीज के पहले चार टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की
इस दौरे का पहला टेस्ट मैच ट्रेंट ब्रिज, नॉटिंघम में खेला गया था और यह मैच ड्रा पर छूटा था। इस मैच में 64 और 109 रन की पारी खेलने वाले जो रुट को मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया था।
सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच लॉर्ड्स, लंदन में खेला गया था। इस मैच में विराट की कप्तानी में भारत ने यह मैच 151 रन के विशाल अंतर से अपने नाम कर लिया था।
वहीं सीरीज का तीसरे टेस्ट इंग्लैंड ने पारी और 76 रन से अपने नाम कर लिया था। वहीं सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में विराट और उसकी टीम ने शानदार वापसी की और 157 रन के विशाल अंतर से मैच अपने नाम कर लिया था।
3. विराट कोहली की कप्तानी का रिकॉर्ड
विराट कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान क्यों है इस बात का अंदाजा उनके कप्तानी के रिकॉर्ड को देखकर लगाया जा सकता हैं।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने भारत की 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है जिसमें से टीम को 40 में जीत मिली है और 17 में टीम को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं 11 मैच ड्रा पर छूटे है।
वहीं कप्तानी में भी उन्होंने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में 54.80 के शानदार औसत की मदद से 5800 रन अपने नाम किये है। इस दौरान उनके बल्ले से 20 अर्धशतक देखने को मिले है।